- पुलिस कमिश्नरेट कानपुर ने खाकी का चेहरा और छवि बदलने के लिए पेपरलेस पुलिसिंग की शुरू की तैयारी
-कागज पर अप्लीकेशन के बजाए ऑनलाइन फार्म में दर्ज होगी रिपोर्ट, चंद मिनटों में मिलेगी एफआईआर की कॉपी
आईजीआरएस से जुड़ेगी हर शिकायत, हर बिंदु पर होगी जवाबदेही, प्रदेश सरकार की मॉनीटरिंग सेल से देख रेख
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KANPUR: कमिश्नरेट लागू होने के बाद पुलिस का चेहरा और छवि बदलने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में अगला कदम है पेपरलेस पुलिसिंग। यानि अब अब थाने जाने पर आपको कागज पर एप्लीकेशन नहीं लिखनी होगी। बल्कि दिया गया एक फार्म ऑनलाइन भरवाना होगा। चंद मिनटों में रिपोर्ट दर्ज होने के साथ आपको एफआईआर की कॉपी मिल जाएगी। सिर्फ इतना ही नहीं, जनता की एक-एक शिकायत ऑनलाइन तो होगी ही, साथ ही सभी शिकायतों को आईजीआरएस से जोड़ा जाएगा। यूपी में कानपुर पहला जिला होगा, जहां पुलिस इस लेवल पर हाईटेक करने का ब्लू प्रिंट तैयार किया गया है।
हाईटेक होगा कानपुर कमिश्नरेट
पुलिस कमिश्नरी अब हाईटेक होगी। सभी थाने ई-थाने होंगे। शिकायतों से लेकर अपराधियों का पूरा ब्योरा ऑनलाइन उपलब्ध होगा। इसके लिए प्रक्त्रिया शुरू कर दी गई है। इसमें शासन से भी मदद ली जा रही है। एक से दो महीने में हाईटेक पुलिसिंग की सभी सुविधाएं शुरू हो जाएंगीं। पुलिस कमिश्नर का ये ड्रीम प्रोजेक्ट है। प्रदेश का ये पहला जिला होगा जहां पर पुलिस विभाग इतना हाईटेक होगा। अभी तक किसी अन्य जिले में ये व्यवस्था लागू नहीं हो सकी है।
सारे अफसर भी कनेक्ट रहेंगे
डीसीपी वेस्ट संजीव त्यागी ने बताया कि आईजीआरएस से सभी थानों को जोड़ा जाएगा। पुलिस कमिश्नर, एडिशनन सीपी, सभी डीसीपी, एडीसीपी, एसीपी और थाने उससे जुड़ेंगे। जहां पर जो शिकायतें पहुंचेगी उनको आईजीआरएस पोर्टल पर अपडेट करना होगा। उसका स्टेटस भी उसमें दर्ज किया जाएगा। यहां तक कि एक क्लिक पर ये पता चल सकेगा कि कौन सी जांच किस अफसर के पास है और उसका क्या स्टेटस है? डीसीपी ने बताया कि इससे जांचों की निगरानी करना आसान होगा। तय समय में सभी अफसरों को जांच पूरी करनी होगी। इससे आम जनता को राहत तो मिलेगी ही वहीं पीडि़त खुद आईजीआरएस पर शिकायत दर्ज कर सकेगा। उसको भी पता चलेगा कि उसके मामले की जांच कौन अफसर कर रहा है। बार बार उसको थाने, चौकी या अन्य अफसरों के दफ्तर में उनको चक्कर नहीं लगाने होंगे।
स्पेशल सॉफ्टवेयर की हेल्प
शिकायतों के अलावा थानों व अन्य कार्यालयों में होने वाली सभी कागजी कार्रवाई ऑनलाइन की जाएंगी। इसके लिए स्पेशल सॉफ्टवेयर की मदद ली जाएगी। यहां तक कि ट्रांसफर पोस्टिंग का ब्योरा भी उसमें दर्ज होगा। एक क्लिक करते ही पता चल जाएगा कि किस थाने में कौन कौन से दरोगा, सिपाही, हेड कांस्टेबल आदि तैनात हैं। जांच रिपोर्ट आदि भी ऑनलाइन अपडेट की जाएंगी। एक अफसर से दूसरे अफसर तक ऑनलाइन ही जांच रिपोर्ट भेजी जाएगी। उसी पर संतुति कर कार्रवाई की जाएगी।
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बेईमान पुलिसकर्मियों का चेहरा सामने आएगा।
दरअसल, थानों में दर्ज मामलों की जांच के नाम पर बड़े-बड़े खेल होते हैं। कभी जांच के नाम पर तो कभी जांच के दौरान नाम हटाने या नया नाम जोड़ने के नाम पर इंवेस्टिगेशन ऑफिसर्स परेशान करते हैं। इस तरह के कई मामले सामने भी आ चुके हैं। जहां पुलिस ने असली आरोपियों को बचा लिया और बेगुनाहों को फंसा दिया। पेपरलेस पुलिसिंग शुरू होने से इस तरह की समस्याएं खत्म हो जाएंगी। हर मामले की जांच और उसका स्टेसस पुलिस ऑफिसर्स की निगाह में रहेगा। वो ऑनलाइन से उसे चेक कर सकेंगे और जरूरी आदेश भी जारी रख सकेंगे। लापरवाह और बेईमान पुलिसकर्मियों का चेहरा सामने आएगा।
-सभी ई-थाने होंगे, यूपी का पहला जिला होगा कानपुर
-कंप्यूटर पर सेट प्रोफार्मा में दर्ज होगी शिकायत
- वादी को तुरंत मिलेगी एफआईआर की कॉपी
-हर कंपलेन आईजीआरएस पोर्टल से जुड़ेगी
-अधिकारी एक क्लिक पर देख सकेंगे केस स्टेटस
-जांच में आईओ नहीं कर पाएंगे कोई खेल
- जांच रिपोर्ट आदि ऑनलाइन अपडेट की जाएंगी
-कंप्लेनेंट को बार-बार अफसरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे
- क्रिमिनल्स का पूरा डेटा रहेगा सुरक्षित
- एक क्लिक पर क्रिमिनल्स की कुंडली सामने होगी