कानपुर (ब्यूरो) सीएसजेएमयू के कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक ने कहा अगर मलिन बस्तियों के बच्चे उच्च शिक्षा के लिए किसी भी प्रकार का सहयोग चाहते हैं तो यूनिवर्सिटी उनका पूरा सहयोग करेगी। उन्होंने मलिन बस्तियों के बच्चों को अपनी प्रेरणादायक कहानियां यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स के साथ साझा करने को आमंत्रित भी किया। उन्होने यूनिवर्सिटी में संचालित राष्ट्रीय सेवा योजना के सभी समन्वयकों को निर्देशित भी किया कि समाज में सेवा भाव के लिए हर संभव सार्थक पहल करने का संकल्प लें।
75 युवाओं ने किया काम
यूनिसेफ उत्तर प्रदेश के संचार विशेषज्ञ भाई शैली ने कहा स्मार्ट युवा कार्यक्रम लखनऊ, कानपुर एवं प्रयागराज में शुरू किया गया। इसमें प्रदेश के 75 एनएसए के युवाओं ने 14 मलिन बस्तियों में कार्य किया। प्रत्येक युवा ने बस्तियों के यूथ वॉलंटियर के साथ मिल कर किशोर किशोरियों, अभिभावकों, शिक्षकों, फ्रंटलाइन वर्कर, पार्षद आदि की ऐसी कहानियां ढूंढ़ी जिन्होने बाल संरक्षण, कोविड, तथा सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से संबन्धित मुद्दों पर काम किया और कुछ सराहनीय कदम उठाए। ऐसी कहानियों को स्मार्ट फोन के माध्यम से शूट किया और आज इन्हीं में से कुछ फिल्मों को इस फिल्म फेस्टिवल में दिखाया गया।
हर युवा के मस्तिष्क में एक कहानी
कमिश्नर डॉ। राज शेखर ने कहा कि फिल्म फेस्टिवल में दिखाई गई प्रत्येक फिल्म प्रेरणादायक है और समाज में बदलाव ला सकती है। उन्होने कहा हर युवा के मस्तिष्क में एक फिल्म की कहानी होती है और वह एक निर्देशक होता है। मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हुए युवा अपनी कहानियों का विडियो बना कर लोगो को प्रेरित कर सकते हैं। डीसीपी क्राइम, सलमान ताज पाटिल ने फिल्मों की सराहना की। कार्यक्रम में एनएसएस वॉलंटियर रिशिबा साहू, खुशी सचान, दीपिका कठियार एवं सेतु को उनकी फिल्मों के लिए पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर डॉ। केएन मिश्रा, डॉ। मानस उपाध्याय, डॉ। स्नेह पांडेय आदि मौजूद रहे।