- उजियारी पुरवा डबल मर्डर में 30 साल से सुलग रही थी आग

- मृतक राजकुमार और आरोपी जिला पंचायत सदस्य दीपू निषाद के बीच रंजिश का है पुराना इतिहास, दोनों गुटों में कई बार हो चुका टकराव

- दीपू पर पहले से दर्ज हैं कई संगीन मुकदमे, पंचायत चुनाव के एलान के बाद तेज हो गई थी, कुछ दिन पहले भी झगड़े में चली थी गोली

- समय रहते पुलिस लेती एक्शन तो नहीं बिगड़ते हालात, कार्रवाई के जाए समझौता कराती रही पुलिस, मृतक के परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप

kanpur : नवाबगंज के उजियारी पुरवा में शुक्रवार रात हुआ खूनी खेल चुनावी रंजिश में खेला गया। राजकुमार और रवि की हत्या भले ही 24 घंटे पहले हुई हो लेकिन 'आग' की चिंगारी करीब तीन दशक से सुलग रही थी। चुनाव के दौरान पहले भी कई बार दोनों के बीच संघर्ष हो चुका था। पंचायत चुनाव के ऐलान के बाद फिर दोनों गुटों में टकराव की आग सुलगने की आशंका जताई जा रही थी। अगर समय रहते स्थिति को भांपकर पुलिस ने कोई कदम उठाया होता तो शायद यह खूनी खेल होने से बच जाता। अब पंचायत चुनाव से ठीक पहले शहर में डबर मर्डर से पुलिस और प्रशासन की चुनौती बढ़ा दी है। हालांकि पुलिस ने राजकुमार और रवि की हत्या के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। मृतक राजकुमार के भाई ने जिला पंचायत सदस्य दीपू निषाद और उसके छह साथियों पर हत्या का केस दर्ज कराया है।

30 साल से सुलग रही थी चिंगारी

खूनी खेल में मुख्य आरोपी जिला पंचायत सदस्य दीपू निषाद और मृतक राजकुमार की दुश्मनी की शुरुआत करीब 30 साल पहले हुई थी। राजकुमार के नाना जमुना प्रसाद एक दल के समर्थक थे तो वहीं दीपू के पिता राजकुमार विरोधी पार्टी के समर्थक थे। राजनीतिक दुश्मनी बहुत जल्द इलाके में वर्चस्व की लड़ाई फिर मुकदमेबाजी और अब हत्या में तबदील हो गई। रंजिश में दोनों गुटों का लम्बा चौड़ा अपराधिक इतिहास बना। मगर अंत तक जिला पंचायत सदस्य ने इलाके में अपने वर्चस्व को कायम कर लिया था। कुछ दिन पहले पंचायत चुनाव का ऐलान होने पर राजनीतिक सरगर्मियां फिर तेज हो गई थीं। बीते एक महीने में तीन बार दोनों के बीच गंभीर झगड़ा भी हुआ। पुलिस से शिकायत भी हुई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। हां थाने में दोनों पक्षों को बुलाकर समझौता जरूर करा दिया।

ऐसे शुरू हुई थी दुश्मनी

30 साल पहले जमुना प्रसाद ने अपने घर के पास ही राजकुमार के पिता जयराम के लिए एक घर बनवा दिया था। जयराम अपने परिवार के साथ वहीं पर रहने लगा था। जमुना प्रसाद ठेकेदारी करते थे। दीपू के पिता राजकुमार ने एक दल से पार्षदी का चुनाव लड़ा था। मगर, जमुना ने दूसरे दल में होने के कारण उसका समर्थन नहीं किया। दीपू का पिता चुनाव हार गया और तब से दोनों परिवारों के बीच दुश्मनी शुरू हो गई। उसके बाद जिसे जब मौका मिला एक दूसरे के खिलाफ मारपीट, जान से मारने का प्रयास एससी एसटी एक्ट के मुकदमें लिखाने लगा।

एक दरोगा से है तगड़ी सेटिंग

मृतक की बहन सोनी और राजेश ने बताया कि एक सप्ताह पहले भी दीपू और उसके गुगरें ने मारपीट करते हुए गोली चलाई थी। तब उसके भाई राजकुमार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी मगर दीपू के लोग अपनी पहुंच के चलते पहुले ही पुलिस को शिकायत दर्ज करा आए थे। जिसके बाद पुलिस ने उन्हीं के घर पर दबिश दी थी। राजकुमार के परिजनों ने नवाबगंज थाने में तैनात एक दरोगा की दीपू से तगड़ी सेटिंग के भी आरोप लगाए हैं। हालांकि इंस्पेक्टर नवाबगंज रमाकांत पचौरी ने कहा कि वहां पर एक कानून का जानकार है वह इसी तरह की दलाली करता है।

कोई मुंह खोलने को तैयार नहीं

पंचमुखी मंदिर परिसर में ट्रस्ट की काफी जमीन है। जिसमें बने मकानों में 6 परिवार रहते हैं। फ्राइडे रात वारदात के दौरान सभी लोग मौजूद थे लेकिन खौफ के चलते कोई भी मुंह खोलने को तैयार नहीं है। पुलिस ने पूछताछ की कोशिश की तो किसी ने कहा वो सो रहे थे तो किसी ने वहां मौजूद न होने की बात कही।

ये हुइर् कार्रवाई

देर रात पुलिस ने इस मामले में राजकुमार के छोटे भाई शिवकुमार निषाद की तहरीर पर जिला पंचायत सदस्य उजियारीपुरवा नवाबगंज निवासी दीपू निषाद, आकाश उर्फ अक्का, विकास उर्फ विक्का, शुभम, विशाल व दो अज्ञात के खिलाफ धारा 147, 148(बलवा), 149(जनसमूह द्वारा किया गया अपराध), एससी-एसटी एक्ट और 302 (हत्या) में एफआईआर दर्ज कर ली है। आरोपी विकास और विशाल से हत्या में प्रयुक्त हथियार बरामद किए हैं।

आधा दर्जन राउंड फायरिंग

उजियारीपुरवा में देर रात आरोपियों ने दोनों को मौत के घाट उतारने के लिए एक घंटे तक इलाके में उत्पात मचाया। इस दौरान आरोपियों की तरफ से इकट्ठा लोगों ने छतों से पथराव किया। आधा दर्जन से ज्यादा राउंड फायरिंग की गई। जिसके छर्रे मृतकों के शवों के आसपास मौजूद थे। मृतकों पर हमला कर उन्हें बाकयदा दौड़ाकर मंदिर परिसर के अंदर ले जाया गया और वहां पर उनकी जान ली गई। आरोपी और मृतक के घरों के बीच की दूरी मुश्किल से 200 मीटर है जिसकी वजह से इलाके में तनाव ज्यादा था। जिसे देखते हुए एरिया में एहतियातन पीएसी व पुलिस फोर्स तैनात है।

छात्र की हत्या में भी गया था जेल

दीपू पर हत्या, हत्या का प्रयास, बलवा आदि के आधा दर्जन मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस के मुताबिक 2013 में दीपू वीएसएसडी कॉलेज का छात्रसंघ अध्यक्ष रहा था। 2012 में उसकी दूसरे गुट से झड़प हुई थी। तब छात्रनेता मोहित मिश्रा ने उसके खिलाफ बलवा, हत्या का प्रयास, 7 क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट आदि धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। फरवरी 2013 में मोहित की हत्या हो गई थी। तब पुलिस ने मामले में दीपू को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। सभी मामलों में उसके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी। 2013 में ही गुंडा एक्ट की कार्रवाई भी हुई, लेकिन जिलाबदर नहीं किया गया। पिछले साल लॉकडाउन उल्लंघन का भी उसके खिलाफ केस लिखा गया था।

भूमाफिया के साथ जमीनों पर कब्जे

दीपू का पिता राजकुमार निषाद कटरी में प्लॉ¨टग का काम करता है। जिला पंचायत सदस्य बनने के बाद दीपू ने भी जमीनों पर कब्जे और खरीद फरोख्त का खेल शुरू कर दिया था। पुलिस के मुताबिक आरोपी कुछ समय पहले तक कटरी के हिस्ट्रीशीटर रामदास व उसके बेटे राजेंद्र के साथ मिलकर प्लॉ¨टग का काम कर रहा था। जमीन विवाद में दीपू निषाद का नाम सामने आया था, लेकिन आरोपी ने शिकायतकर्ता को डरा धमकाकर समझौता कर लिया। भाई शिवकुमार ने बताया कि दीपू पहले भी राजकुमार को मारने की धमकी दे चुका था। फ्राइडे रात उसने हमलावरों को उकसाया और हत्या करा दी।

सामने लगा सीसीटीवी कैमरा खराब

पंचमुखी मंदिर के ठीक सामने सुनार की दुकान में सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ था। लेकिन, ये कैमरा कई दिनों से खराब पड़ा था। अगर कैमरा ठीक होता तो इस पूरे मामले का मजबूत इलेक्ट्रानिक इविडेंस पुलिस को मिल सकता था।

आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। जो फरार है उसकी तलाश में दबिश दी जा रही है। पुरानी रंजिश के चलते घटना को अंजाम दिया गया है।

डॉ। अनिल कुमार एसपी पश्चिम

मदद के लिए चीखता रहा, नहीं आया कोई

परिजनों ने बताया कि शाम करीब पांच बजे राजकुमार बाइक पर लकड़ी लादकरला रहा था। मंदिर के पास बीच सड़क पर दीपू व अन्य उसके साथी खड़े थे। राजकुमार ने उनको हटने को कहा तो दोनों के बीच कहासुनी हुई। हालांकि तब मामला शांत हो गया था। इसके बाद राजकुमार कुछ देर बाद अपने साथी रवि के साथ निकला था। रात को वापस आते समय दीपू व अन्य आरोपियों ने हमला कर हत्या कर दी। पंचमुखी मंदिर परिसर में चौतरफा फैला खून इस बात की गवाही दे रहा है कि वारदात को अंजाम देने वाले हत्या के इरादे से ही आए थे। राजकुमार मदद के लिए चीखता रहा लेकिन कोई उसकी मदद के लिए नहीं आया।

पहुंचा शव तो मचा कोहराम

उजियारीपुरवा का पूरा बाजार बंद रहा। घरों के बाहर मौजूद महिलाएं इस वारदात की बात करती सुनाई दीं। पहले रवि की डेडबॉडी घर पहुंची तो कोहराम मच गया। इसके लगभग आधे घंटे बाद जब राजकुमार की डेडबॉडी पहुंची तो परिवार के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल था। पहले से मौजूद पुलिस बल ने लोगों को हटाया और शव को अंतिम संस्कार के लिए भेजा।