-पंचायत चुनावों में हिंसा होने की सुगबुगाहट, खुफिया ने शासन को भेजी अपनी रिपोर्ट
-पुलिस ऑफिसर्स ने बनाया फुल प्रूफ प्लान, छोटे से लेकर बड़े अपराधी तक पर नजर
- बिकरू और विकास की दहशत वाले आसपास के इलाकों के लिए बनाया स्पेशल प्लान
KANPUR : पंचायत चुनावों के लिए शह और मात का खेल शुरू हो गया है। चुनाव जीतने के लिए हर लेवल पर तैयारी की जा रही है। कच्ची शराब से लेकर असलहों के दम पर वोटर को रिझाने का प्लान तैयार हो रहा है। सबसे ज्यादा हिंसा पंचायत चुनावों में ही हर बार होती है। इसे देखते हुए खाकी भी अलर्ट हो गई है। चुनाव को बिना खून-खराबे के शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए खाकी ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है। एडीजी और आईजी ने फुलप्रूफ प्लानिंग की है। हालांकि खुफिया ने शासन को जो रिपोर्ट भेजी है, उसमें खून खराबे की आशंका जताई गई है। जिसके बाद पुलिस अधिकारियों ने मुखबिरों को अलर्ट कर दिया है। छोटे से लेकर बड़े अपराधी तक के मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है।
सेंसटिव बूथों पर स्पेशल सिक्योरिटी
जिले में वोटिंग सेंटर्स को हाईपर सेंसटिव,सेंसटिव और सामान्य बूथों में बांटा गया है। पुलिस प्रशासन की टीमें बैठक कर यहां शांति व्यवस्था कायम करने में जुटी हुई हैं। जिन इलाकों में ये बूथ हैं, वहां आचार संहिता लागू होते ही सीसीटीवी कैमरे लगाकर मॉनीटरिंग की जाएगी। खुफिया की रिपोर्ट के बाद से पुलिस प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट हो गया है।
बिकरू में पर्मानेंट गारद
चौबेपुर के बिकरू में विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद आतंक की दास्तान को खत्म करने का फुल प्रूफ प्लान बनाया गया है। अभी तक यहां पिकेट और गश्त का इंतजाम किया गया था, लेकिन होली से पहले यहां गारद लगाने के आदेश जारी किए गए हैं। जो इलाके विकास दुबे या उसके गुर्गो से संबंधित हैं, वहां भी अलर्टनेस बढ़ाई गई है।
लाइसेंसी असलहा पर नजर
डीआईजी डॉ। प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि बिकरू और आसपास एरिया में और भी अवैध असलहे हैं। असलहे छिपाकर रखने का अंदेशा है। इस वजह से विकास के गुर्गो की जानकारी की जा रही है। वहीं एसटीएफ सूत्रों की माने तो जिन असलहों को विकास इस्तेमाल करता था। उन असलहों की पूरी बरामदगी नहीं हुई है। इन असलहों की बरामदगी के लिए प्रयास जारी हैं।
थाना पुलिस को दिए गए निर्देश
- पुराने विवादों का निस्तारण करें
- हिस्ट्रीशीटर्स और आर्म्स एक्ट में बंद हुए शातिरों की निगरानी की जाए।
- बीट पुलिसकर्मियों को एक्टिव कर विवादों की जानकारी ली जाए।
- जिन इलाकों में चुनाव होने हैं, वहां खुफिया का जाल बिछाया जाए।
- छोटी से छोटी सूचना गंभीरता से लें, शातिरों के खिलाफ शांतिभंग की कार्रवाई करें
- पुराने बदमाशों को रेड कार्ड जारी किए जाएं, चुनाव से पहले उन्हें कैप्चर करें
- शराब माफियाओं पर रखें नजर, बाहर से आने वाली शराब की धरपकड़ करें।
- अभी से चुनावी माहौल बनने लगा है, लिहाजा होली के दौरान बेहद सतर्क रहें।
- हर इलाके के दस-दस लोगों की जानकारी रखें, उनके मोबाइल नंबर कलेक्ट करें।
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खुफिया की रिपोर्ट के बाद थानाध्यक्षों की बैठक कर अलर्ट रहने के निर्देश जारी किए गए हैं। जिससे चुनाव के पहले ही शांतिपूर्ण मतदान हो सके।
-मोहित अग्रवाल, आईजी रेंज
पुराने पुलिसकर्मियों की लेंगे मदद
आईजी मोहित अग्रवाल में बताया बीते चुनावों को सकुशल संपन्न कराने वाले पुलिस कर्मियों की सूची बनाई जा रही है। इनकी ड्यूटी सुरक्षाबलों के साथ लगाई जाएगी। जिससे किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। इन पुलिस कर्मियों को 15 दिन की स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी। मेडिकल और फिजिकल फिटनेस चेक करने के बाद ही ड्यूटी चुनावी मैदान में लगाई जाएगी।