रत्रा मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारियों के मुताबिक कोलंबिया के दक्षिण-पश्चिमी पहाड़ी इलाके में हुई एक सैन्य कार्रवाई में कानो की मौत हो गई। हालांकि एलफोंसो कानो की मौत की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो पाई है।

ग़ौरतलब है कि कोलंबियाई सरकार ने एलफोंसो कानो के बारे में सूचना देने या उन्हें पकड़वाने वाले को 40 लाख डॉलर के पुरस्कार की घोषणा की थी। कोलंबियाई सुरक्षाबल पिछले एक साल में वामपंथी विद्रोही संगठन फ़ार्क के कई कमांडरों को मौत के घाट उतार चुके हैं।

गुएलर्मो लियोन साएंज़ उर्फ़ एलफ़ोंसो कानो साल 2008 में फ़ार्क की कमान संभालने के बाद से ही कोलंबियाई सुरक्षाबलों के निशाने पर थे।

फ़ार्क को झटका

शुरुआती खबरों के मुताबिक टेलिफ़ोन पर की गई बातचीत के रिकॉर्ड के ज़रिए सुरक्षाबलों को एलफ़ोंसो कानो के ठिकाने की जानकारी मिली। सुरक्षाबलों के मुकाबिक उन्होंने शुरुआती पहचान के ज़रिए कानो की मौत की पुष्टि की है और वो उनकी उंगलियों की छाप का परीक्षण कर रहे हैं।

कानो की मौत की पुष्टि हो जाने पर यह खबर फ़ार्क के लिए एक बड़ा झटका हो सकती है। पिछले साल हुई सैन्य बमबारी में फ़ार्क के प्रमुख कमांडर मोनो जोजोए की भी मौत हो गई थी।

साल 2008 में फ़ार्क के नेता मेनुएल मारुलांडा की मौत के बाद इस संगठन को बड़ा झटका लगा था। मारुलांडा ने 1964 में विद्रोही संगठन फ़ार्क को कायम किया था।

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