विद्रोहियों के एक प्रवक्ता ने अल अरबिया चैनल को बताया है कि इसी संघर्ष में ख़ुफ़िया विभाग के पूर्व प्रमुख अब्दुल्ला अल-सानुसी भी मारे गए हैं। ख़ामिस गद्दाफ़ी और अब्दुल्ला अल-सानुसी दोनों गद्दाफ़ी के सत्ता ढाँचे में बड़े नाम थे। वहीं अल्जीरिया के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि कर्नल गद्दाफ़ी की पत्नी और बेटे-बेटी अल्जीरिया में हैं।

अल्जीरिया की एपीएस समाचार एजेंसी ने विदेश मंत्रालय के हवाले से बताया है कि कर्नल गद्दाफ़ी की पत्नी सफ़िया, बेटी आयशा और बेटे मोहम्मद और हनिबल सोमवार की सुबह अल्जीरिया पहुँचे थे।

संयुक्त राष्ट्र में अल्जीरिया के दूत मोराद बेनमेहदी ने कहा है कि उन्हें मानवीय आधार पर शरण दी गई है। लीबिया की राष्ट्रीय अस्थाई परिषद ने कहा है कि वो इनके प्रत्यर्पण की माँग करेगा।

विद्रोहियों ने कहा है, ये लीबिया के लोगों के ख़िलाफ़ आक्रामक क़दम की तरह होगा और ये लोगों की इच्छा के ख़िलाफ़ है। हम पर क़ानूनी रास्ते का सहारा लेंगे ताकि इन अपराधियों को वापस लाया जा सके।

जारी रहे बमबारी

इस बीच नैटो कमांडरों ने कहना है कि गद्दाफ़ी के ख़िलाफ़ हवाई सैन्य अभियान जारी रहना चाहिए क्योंकि लीबिया में लड़ाई अभी ख़त्म नहीं हुई है। क़तर में बैठक के बाद एक प्रेस बयान में नैटो कमांडरों ने कहा कि गद्दाफ़ी के बचे सैनिकों और ढाँचे पर बमबारी जारी रहेगी।

लीबिया के सियर्ट कस्बे पर अब भी गद्दाफ़ी समर्थकों का कब्ज़ा है। इस पर नियंत्रण हासिल करने के लिए विद्रोही हमले करने की तैयारी में जुटे हुए हैं। विद्रोही नेताओं ने ईद को देखते हुए 48 घंटों के संघर्षविराम की पेशकश की है और कहा है कि इस संघर्षविराम के बाद लड़ाके सिर्यट पहुँच जाएँगे।

बीबीसी संवाददाता के मुताबिक कई विद्रोहियों के रिश्तेदार सिर्यट में रहते हैं और इन विद्रोहियों ने कहा है कि ख़ून खराबा रोकने के लिए वे हर मुमकिन कोशिश करेंगे।

इस बीच विद्रोहियों का कहना है कि उन्हें चार नई सामूहिक कब्रों का पता चला है। ये जगह उस ब्रिगेड के अड्डे के पास है जिसकी अगुआई ख़ामिस गद्दाफ़ी कर रहे थे।

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