- साइबर क्रिमिनल्स का नया शिकार बना आरटीओ

-परिवहन विभाग की फर्जी वेबसाइट बनाकर विभाग के साथ आवेदकों को भी लगा रहे चूना, कानपुर में भी आधा दर्जन ठगी के मामले सामने आए

-मुख्यालय के लेटर जारी करने पर हरकत में आए आरटीओ ऑफिसर, पब्लिक को सरकारी वेबसाइट के प्रति अवेयर करने का दिया आदेश

KANPUR। इस बात में कोई संशय नहीं है कि आरटीओ में शुरू हुई ऑनलाइन वर्किंग ने लोगों की तमाम परेशानियों को खत्म कर दिया है। यही वजह है कि आरटीओ में तेजी से ऑनलाइन यूजर्स बढ़े हैं, लेकिन साइबर क्रिमिनल्स की बुरी नजर पड़ने के बाद ये ऑनलाइन सुविधा लोगों के लिए बड़ी परेशानी बनकर सामने आ रही है। इसलिए बेहतर होगा कि डीएल या फिर वाहन से जुड़े कोई भी काम कराने के लिए ऑनलाइन अप्लाई करने से पहले वेबसाइट की प्रमाणिकता को ठीक ढंग से परख लें। क्योंकि ऑनलाइन फ्राड करने वाले शातिरों ने परिवहन विभाग की फर्जी वेबसाइट तैयार कर ली है। जिसके जरिए लोगों को लाखों का चूना लगाया जा रहा है। कानपुर आरटीओ व परिवहन विभाग मुख्यालय में बीते दो सप्ताह में आई कई शिकायतों के बाद हुई जांच में इसका खुलासा हुआ है। जिसके बाद संभागीय परिवहन अधिकारी 'मुख्यालय' संजय नाथ झा ने कानपुर समेत यूपी के सभी आरटीओ व एआरटीओ प्रशासन को पत्र भेज कर अलर्ट जारी किया है।

ऐसे कर रहे हैं फ्रॉड

आरटीओ ऑफिसर्स के मुताबिक आवेदक के गूगल में परिवहन विभाग की वेबसाइट खोजने पर एक वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट आरटीओ ऑनलाइन डॉट कॉम सामने आ जाती है। जोकि फर्जी वेबसाइट है। इसमें आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के बाद वह ऑनलाइन पेमेंट का विकल्प देता है। जिसमें पेमेंट करते ही वह पैसा वेबसाइट ऑपरेट कर रहे हैकर के पास चला जाता है। आवेदक को अपने साथ फ्रॉड होने की जानकारी तब होती है, जब वह टेस्ट के लिए आरटीओ कार्यालय पहुंचता है।

पब्लिक को अवेयर करने के आदेश

संभागीय परिवहन अधिकारी मुख्यालय संजय नाथ झा ने एआरटीओ प्रशासन को पत्र जारी कर पब्लिक को परिवहन विभाग की https//parivahan.gov.in/parivahan वेबसाइट के प्रति अवेयर करने का आदेश जारी किया है। कानपुर एआरटीओ प्रशासन आदित्य त्रिपाठी ने बताया कि कुछ लोग परिवहन निगम की फर्जी वेबसाइट www.rtoonline.com नाम से वेबसाइट ऑपरेट कर पब्लिक के साथ फ्रॉड कर रहे हैं।

एक सप्ताह में आधा दर्जन कम्पलेन

कानपुर एआरटीओ प्रशासन आदित्य त्रिपाठी ने बताया कि कानपुर आरटीओ में भी एक सप्ताह के अंदर छह से सात फ्रॉड के केस सामने आ चुके हैं। पीडि़तों के कार्यालय में आने के बाद मामले की जांच कराई गई तो पता चला कि उनके साथ परिवहन विभाग की फर्जी वेबसाइट से फ्रॉड किया गया है। मुख्यालय को भी इस मामले से अवगत कराया गया है। जिसके बाद खुलासा हुआ कि फर्जी वेबसाइट का 'खेल' पूरे देश में चल रहा है।

फ्रॉड कंपनी पर दर्ज हुआ मुकदमा

कानपुर एआरटीओ प्रशासन आदित्य त्रिपाठी ने बताया कि लखनऊ मुख्यालय से अधिकारियों ने फर्जी वेबसाइट बनाने वाली कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया है। एआरटीओ ने डीजे आई नेक्स्ट के माध्यम से कानपुराइट्स से परिवहन विभाग की सरकारी वेबसाइट ही यूज करने का आग्रह किया है।

कोट

मुख्यालय से पत्र जारी कर कानपुर समेत यूपी के सभी आरटीओ में अलर्ट जारी हुआ है। एक सप्ताह में लगभग आधा दर्जन फ्रॉड के केस कानपुर में भी सामने आ चुके हैं।

आदित्य ि1त्रपाठी, एआरटीअो, प्रशासन

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ये लगती है फीस

लर्निग डीएल (बाइक या कार) --200 रुपए

लर्निग डीएल (बाइक व कार) -- 350 रुपए

परमानेंट डील (बाइक या कार )-- 700 रुपए

परमानेंट डीएल (बाइक व कार ) -- 1000 रुपए

डीएल रिन्यूवल -- 400 रुपए

डीएल अपडेट -- 400 रुपए

डुप्लीकेट डीएल -- 400 रुपए