- बीते दिनों दो शातिरों के पास पकड़े गए एमफोनिक्स इंजेक्शन के नकली होने पर ड्रग विभाग ने भी लगाई मुहर
KANPUR : ब्लैक फंगस ट्रीटमेंट के लिए ऊंचे दामों में बेचे जा रहे जो एमफोनिक्स इंजेक्शन पुलिस ने दो शातिरों के पास से बरामद किए थे वो पूरी तरह नकली थी। इस पर ड्रग विभाग की लैब ने भी अपनी मोहर लगा दी है। हालांकि आरोपियों ने पुलिस को दिए बयान में ये बात पहले ही कबूल कर ली थी कि उन्होंने नमक और ग्लूकोज भरकर नकली इंजेक्शन तैयार किए थे। लैब की रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख नहीं है कि इंजेक्शन में क्या मिलाया गया था? वहीं क्राइम ब्रांच ने कुछ मैसेज डीकोड करने के साथ ही कॉल्स डीटेल के जरिए महत्वपूर्ण जानकारी जुटाई है।
लग सकता है गैंगस्टर
एसीपी कर्नलगंज त्रिपुरारी पाण्डेय ने बताया कि ड्रग विभाग की रिपोर्ट प्राप्त हो गई है। उसमें साफ लिखा गया है कि इंजेक्शन नकली है। मामले में एनएसए की कार्रवाई भी की जा सकती है। वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इसे लेकर मंथन चल रहा है। वहीं इस मामले में क्राइम ब्रांच ने जानकारी जुटाई है कि अहमदाबाद और मुंबई के दो कारोबारियों ने नकली इंजेक्शन बनाने की शुरुआत की थी। उन्हीं से आरोपी विजय मौर्य ने ये सीखा और उसके बाद उन्हीं के गढ़ में इंजेक्शन की सप्लाई भी कर दी।