कानपुर (ब्यूरो) सात फेरों को साक्षी मानकर बनाया गया रिश्ता या अल्लाह को हाजिर नाजिर मान कर बनाए गए रिश्ते आखिर क्यों टूट रहे हैैं? इस सवाल का जवाब कमेटी के स्वप्निल शुक्ला ने बताया कि शादी या निकाह के बाद पति-पत्नी के बीच बने रिश्ते में सास और ननद की दखलंदाजी से ज्यादातर विवाद सामने आते हैैं। वहीं काउंसलर संतोष कुमार तिवारी अधिवक्ता हैैं। संतोष ने बताया कि शराब और बेरोजगारी की वजह से भी रिश्ते टूट रहे हैैं। मायके पक्ष की दखलंदाजी से भी रिश्तों में दरार आ रही है। वहीं एक पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि रिश्ते टूटने का कहीं न कहीं कारण मोबाइल भी सामने आ रहा है। पति-पत्नी दोनों एक दूसरे से छिपा कर बात करते हैैं, जिससे विश्वास टूटता है और रिश्ते कमजोर पडऩे लगते हैैं।

करते हैैं कंप्रोमाइज की कोशिश
काउंसलर्स ने बताया कि वे समाज की ऊंच-नीच दिखाकर कंप्रोमाइज की कोशिश करते हैैं। प्रकोष्ठ में मौजूद मेंबर्स ने बताया कि वे समाज की ऊंच-नीच, रिश्ते टूटने के बाद का भय और पति को जेल जाने आदि के मुकदमे की गंभीरता बताते हैैं, सास और ननद को बुला कर उनसे सामंजस्य बिठाने को कहते हैैं। बच्चों के फ्यूचर की दुहाई देते हैैं। जब जाकर कहीं दोनों पक्ष समझौते के लिए राजी होते हैैं।

समझौते के बाद टूटे ये चार मामले
पहला मामला :
चकेरी के रामपुरम निवासी पति-पत्नी के बीच विवाद हुआ था। 15 जनवरी को कंप्रोमाइज हुआ था। 1 जनवरी को पत्नी ने पति पर पिटाई की जानकारी देते हुए थाना पुिलस में शिकायत की। जिसके बाद मामला प्रकोष्ठ में सुनवाई हो रही है।
दूसरा मामला :
बाबूपुरवा निवासी युवती ने पुलिस को बताया कि दो साल पहले निकाह हुआ था। छह महीने बाद पति की पिटाई से परेशान होकर थाने में जानकारी दी। मामला मेडिएशन में पहुंचा। 8 जनवरी को समझौते के बाद पति ने फिर पिटाई की, मामले की सुनवाई हो रही है।
तीसरा मामला :
जाजमऊ निवासी स्कूल संचालक की लव मैरिज टीचर से हुई थी। दोनों के दो बेटियां हैैं। सास-ससुर की वजह से रिश्ते में दरार आई और छह महीने पहले मामला मेडिएशन में आया था। कंप्रोमाइज के 15 दिन बाद भी मामला वैसा ही है जैसा पहले था।
चौथा मामला :
नौबस्ता के हंसपुरम निवासी इंजीनियर और उसकी पत्नी के बीच हुए विवाद के बाद मामला मेडिएशन में था। दिसंबर के अंतिम रविवार को समझौता हुआ और 15 जनवरी के पत्नी ने पिता के साथ डीसीपी साउथ ऑफिस में पहुंचकर शिकायत की।
इसे बॉक्स में लगा दें
महिलाओं के साथ होने वाले क्राइम के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में परिवार परामर्श प्रकोष्ठ में 30 जनवरी से लेकर 4 फरवरी तक 74 मामलों में दोनों पक्षों को फोन या नोटिस देकर बुलाया गया.65 मामलों में दोनों पक्ष उपस्थित हुए। 5 मामलों में दोनों पक्षों का समझौता कराया गया। 9 मामले बंद किए गए। इस दौरान प्रभारी निरीक्षक शारदा चौधरी, सब इंस्पेक्टर मेहरबान सिंह, महिला आरक्षी पूनम 21 काउन्सलर्स और सभी कर्मचारी उपस्थित रहे।
इन लोगों के हुए समझौते
- खुर्शीद आलम बनाम सद्दाम
- रामा देवी बनाम विवेक कुमार
- सीता बनाम प्रकाश
- ज्योति बनाम रवि
- बिपिन वर्मा बनाम कोमल

जो भी मामले प्रकोष्ठ में आते हैैं, उनके समाधान की कोशिश की जाती है। समाधान न होने पर वापस अधिकारियों के पास भेजे जाते हैैं। अगर काउंसिलिंग फेल होती है तो दोबारा काउंसिलिंग की जाती है।
शारदा चौधरी, प्रभारी निरीक्षक