कानपुर(ब्यूरो)। शिक्षा मंथन के दूसरे दिन सीएसजेएमयू में मॉर्निंग सेशन में एनईपी(न्यू एजूकेशन पॉलिसी) की प्रॉब्लम और सॉल्यूशन पर डिस्कशन हुआ। दिल्ली यूनिवर्सिटी डीयू के वाइस चांसलर प्रोफेसर योगेश सिंह ने कहा कि यूपी को अब ऑटोनॉमस इस्टीट्यूशंस की ओर बढऩा चाहिए, गवर्नमेंट को इनकी संख्या बढ़ानी चाहिए। इससे यूनिवर्सिटी पर लोड कम होगा, जिससे चीजें सुधरेंगी। प्रोफेसर सिंह ने कहा कि समस्याएं एनईपी से पहले भी थीं, हम उसके पहले स्टेप में ही लडख़ड़ा गए। यूपी के अलावा अन्य राज्यों और विदेशों में हर जगह सेमेस्टर सिस्टम से ही एग्जाम होते हैं। अब टीचर को सो कर उठने की जरूरत है। इसके अलावा यूजीसी को सर्टिफिकेट और डिप्लोमा देने के लिए प्लान बनाना होगा।
एनआईआरएफ में लाना टारगेट
स्पेशल सेक्रेटरी हायर एजुकेशन गिरिजेश त्यागी ने कहा कि आने वाले सालों में एनआईआरएफ के टॉप 100 यूनिवर्सिटी में यूपी की 25 यूनिवर्सिटीज को लाना टारगेट है। कहा कि यूनिवर्सिटीज में होने वाले इंटरनल एग्जाम को क्लास टीचर के माध्यम से 15 मिनट का कराना चाहिए।
फैकल्टी अपॉइंटमेंट में प्रॉब्लम
स्पेशल सेक्रेटरी टेक्निकल एजुकेशन अन्नवि दिनेश कुमार ने कहा कि कॉलेज में पोस्ट क्रिएट या गेस्ट फैकेल्टी अप्वॉइंट करते समय फाइनेंस डिपार्टमेंट से परमिशन लेने में प्रॉब्लम आती है। हाल के दिनों में चार नए इंजीनियरिंग कॉलेज और 49 पॉलीटेक्निक में यही प्रॉब्लम आ रही है। पॉलीटेक्निक में एआईसीटीई लेक्चरर के अपॉइंटमेंट के बाद प्रमोशन सिस्टम को खत्म कर दिया है। एचओडी और प्रिंसिपल पोस्ट पर 100 परसेंट डायरेक्ट रिक्रुटमेंट होगा। इस नियम में परिवर्तन करते हुए कुछ पद प्रमोशन के लिए भी रखना चाहिए।
मंच पर डिस्कशन
स्पीकर्स का इंट्रोडक्शन गवर्नर के एडीशनल चीफ सेक्रेटरी सुधीर एम बोबडे ने कराया। इस सेशन में मंच पर डिस्कशन के लिए एआईसीटीई के चेयरमैन डॉक्टर टीजी सीताराम, डायरेक्टर टेक्निकल एजुकेशन के राम, स्पेशल सेक्रेटरी हायर एजुकेशन गिरिजेश त्यागी और स्पेशल सेक्रेटरी टेक्निकल एजुकेशन अन्नवि दिनेश कुमार मौजूद रहे।
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