- सिटी में अभी जलकल में 2.79 लाख वाटर कनेक्शन ही रजिस्टर्ड
- जलजीवन मिशन के तहत घर-घर नलों से की जाएगी वाटर सप्लाई
KANPUR : सिटी की वाटर सप्लाई के लिए इस बार का बजट एक नई ऊर्जा लेकर आया है। अब वाटर लाइन पड़ने के साथ ही घर-घर तक नलों से साफ और शुद्ध पानी भी पहुंचेगा। कानपुर को जलजीवन मिशन के तहत वाटर कनेक्शन करने के लिए खासा बजट मिलने की उम्मीद है। सिटी में अभी तक 2.79 लाख वाटर कनेक्शन ही रजिस्टर्ड हैं। जबकि घरों की संख्या 10 लाख के ऊपर है। ऐसे में लगभग 7 लाख घरों तक वाटर कनेक्शन किए जाने संभावित हैं। देश में जलजीवन मिशन के लिए गवर्नमेंट ने 50 हजार करोड़ रुपए से अधिक का बजट रखा है। इसके अलावा स्मार्ट सिटी और अमृत योजना के तहत 13,750 करोड़ रुपए के बजट में भी कानपुर को बहुत कुछ मिलने की उम्मीद है।
पॉपुलेशन 45 लाख के पार
आजादी के 70 साल बाद भी सिटी में हर घर में नलों के जरिए वाटर सप्लाई शुरू नहीं हो सकी है। अब स्मार्ट सिटी स्काडा के जरिए 21.67 करोड़ रुपए से वाटर सप्लाई की मॉनिटरिंग के साथ ही 3 लाख घरों में स्मार्ट वाटर मीटर लगाए जाने हैं। इसके अलावा जलकल द्वारा नए कनेक्शन भी दिए जाएंगे। इसके लिए काम जल्द शुरू होने वाला है। बता दें कि सिटी में 50 परसेंट आबादी सबमर्सिबल और नलकूप के जरिए ही पानी ले रही है। शहर की पॉपुलेशन 45 लाख के पार हो चुकी है।
लीकेज प्रॉब्लम से छुटकारा
सिटी में गंगा बैराज से आए दिन लाइन में लीकेज चलते 6 करोड़ लीटर वाटर सप्लाई प्रभावित रहती है। इसको देखते हुए शासन ने अमृत योजना के तहत करीब 165 करोड़ रुपए से लाइन की सेफ्टी के लिए नई लाइन बिछाने की योजना तैयार कर भेजी है। केंद्र सरकार के प्रस्तावित ईयर 2021-22 के बजट में इसके लिए बजट मिला तो आए दिन लीकेज की समस्या से लोगों को पूरी तरह से निजात मिल जाएगी और लगातार पानी की उपलब्धता रहेगी।
सीवेज सिस्टम के लिए भ्ाी संजीवनी
सिटी में निकाय क्षेत्र में लगभग 4.50 लाख मकान नगर निगम में रजिस्टर्ड हैं। इसके अलावा 4 लाख से ऊपर घर सोसाइटी एरियाज में बने हैं। सीवेज के लिए इन एरियाज में रहने वाले लोग सेप्टिक टैंक का यूज करते हैं। सेप्टिक टैंक से निकलने वाले वेस्ट को नालों में ही फेंक दिया जाता है। जबकि इसे एसटीपी में भेजा जाना चाहिए। लेकिन इस पर कोई लगाम नहीं है। इसके अलावा मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स के मुताबिक सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के नियमों के मुताबिक वेस्ट वाटर को ट्रीट किया जाना चाहिए। ट्रीट वाटर का 25 परसेंट हॉर्टिकल्चर, एग्रीकल्चर, इंडस्ट्रियल और रोड सफाई में यूज किया जाना है। वाटर प्लस सर्टिफिकेट के लिए हर घर से नगर निगम को सर्टिफिकेट लेना होगा कि वहां का वेस्ट वाटर सीवेज लाइन के थ्रू ही जाता है।
वाटर कनेक्शन की स्थिति
वाटर कनेक्शन- 2.79 लाख
सोसाइटी क्षेत्र में घर- 4 लाख
नगर निगम में नॉन-कॉमर्शियल घर- 4 लाख
कॉमर्शियल घर रजिस्टर्ड- 80 हजार
सिटी में वाटर सप्लाई की स्थिति
ट्यूबवेल की संख्या- 50
जोनल पंपिंग स्टेशन- 38
हैंडपंप की संख्या-12,089
वाटर सप्लाई: एक नजर में
-550 एमएलडी ड्रिंकिंग वाटर की जरूरत
-420 एमएलडी प्रेजेंट में पानी उपलब्ध
-150 एमएलडी साउथ सिटी में वाटर सप्लाई
-80 एमएलडी वाटर सप्लाई अौर जरूरत
वाटर सप्लाई के मेन सोर्स
-200 एमएलडी- भैरोंघाट पंपिंग स्टेशन
-60 एमएलडी- पुराना बैराज
-50 एमएलडी- लोअर गंगा कैनाल
-12.5 एमएलडी- ओल्ड गुजैनी वाटर वर्क्स
-600 एमएलडी- गंगा बैराज वाटर वर्क्स
-28.5 एमएलडी- न्यू गुजैनी वाटर वर्क्स
'' जलजीवन मिशन के तहत वाटर कनेक्शन किए जाएंगे। बजट में कानपुर को भी जरूर अंश मिलेगा। इसके अलावा गंगा बैराज लाइन में लीकेज की प्रॉब्लम को भी दूर करने के लिए प्लान बनाकर भेजा गया है.''
- रामशरण पाल, अधीक्षण अभियंता, जल निगम।