- प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने दिए निर्देश, मेडिकल कॉलेज में बनेगा ऑडिट बोर्ड
- बोर्ड पता लगाएगा मौत का कारण, कहा कोविड में कानपुर की स्थिति बेहद खराब
KANPUR : कमिश्नर डा। राजशेखर के चार्ज संभालने के कुछ घंटों बाद कानपुर दौरे पर पहुंचे प्रमुख सचिव स्वास्थ्य आलोक कुमार ने कोविड को लेकर गहन समीक्षा की। कमिश्नर कैंप ऑफिस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रमुख सचिव ने बताया कि कानपुर में कोरोना की स्थिति बेहद खराब है। प्रदेश में कानपुर का स्थान नीचे से 13वें नंबर पर है। इसको देखते हुए अब एक्शन प्लान में कई बदलाव किए गए हैं। कहा कि अब कोरोना से होने वाली हर मौत का ऑडिट किया जाएगा। ट्रीटमेंट के साथ ही उसकी अन्य बीमारियों का भी पता किया जाएगा। इसके लिए एक्सपर्ट डॉक्टर्स की देखरेख में मेडिकल कॉलेज में ऑडिट बोर्ड बनाया गया है।
सभी मरीज स्वस्थ होकर जाएं
प्रमुख सचिव ने बताया कि कोरोना टेस्टिंग के मुकाबले कोरोना से डेथ रेट में कमी आई है, लेकिन हमारा प्रयास है कि अस्पताल आने वाले सभी मरीज स्वस्थ होकर जाएं। ये ¨चता का विषय है कि हर दिन 400 केस यहां मिल रहे हैं। संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों की ट्रेसिंग कर उनकी जांच कराना प्राथमिकता है। बीते महीने के मुकाबले बात करें तो पहले हम प्रति व्यक्ति 3 संक्रमित लोगों के 50 परसेंट लोगों को ही आइडेंटिफाई कर पा रहे थे। लेकिन सितंबर में 4 संक्रमित रोगियों के संपर्क में आए 100 परसेंट लोगों को ट्रेस कर पा रहे हैं।
अगर समय रहते संक्रमण का
कानपुर में अब भी लोग मास्क लगाने में लापरवाही बरत रहे हैं। इसको लेकर बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। प्रमुख सचिव ने बताया कि होम आइसोलेट लोग पल्स ऑक्सीमीटर में 95 परसेंट से कम ऑक्सीजन लेवल होने पर तुरंत हॉस्पिटल में एडमिट हो। कानपुर में मौत का आंकड़ा इसलिए भी बढ़ रहा है कि बुखार, सर्दी होते ही लोग खुद ही दवाएं खा ले रहे हैं। जब संक्रमण लंग्स तक पहुंच जाता है तब डॉक्टर के पास जांच के लिए जा रहे हैं। अगर समय रहते संक्रमण का पता चल जाए और ट्रीटमेंट शुरू हो जाए तो यह दिक्कत नहीं आएगी। शहर में ऑक्सीजन की कमी नहीं है। कमिश्नर डॉ। राजशेखर ने कहा कि संक्रमितों के संपर्क में आए लोंगों की पहचान और उनकी जांच का अभियान और तेज किया जाएगा।
कोविड से डेथ में अाई गिरावट
मंथ केसेस डेथ केसेस
जुलाई 4,149 151
अगस्त 9,825 238
सितंबर (18 तक) 6,307 129
नोट - प्रमुख सचिव स्वास्थ्य द्वारा उपलब्ध कराए गए आकड़े