कानपुर(ब्यूरो)। सीएसजेएमयू से एफिलिएटेड कॉलेजों को भी अब नैक एक्रिडिटेशन कराना होगा। सीएसजेएमयू के रजिस्ट्रार डॉ। अनिल यादव ने नैक की प्रोसीडिंग के लिए लेटर जारी कर दिया है। कॉलेजों को नैक ग्रेडिंग के लिए प्रोसीडिंग करके सीएसजेएमयू की आईक्यूएसी सेल में रिपोर्ट करना है। नैक ग्रेडिंग होने से कॉलेजों में एजूकेशनल क्वालिटी सुधरने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि नैक में बेहतर ग्रेड पाने के लिए कॉलेज अपनी एकेडमिक समेत सभी क्लाविटीज को इंप्रूव करेंगे। यह आदेश सीएसजेएमयू के लिए ही नहीं बल्कि प्रदेश के सभी स्टेट यूनिवर्सिटीज से एफिलिएटेड 766 कॉलेजों के लिए हैं।

भेजेंगे मंथली रिपोर्ट
कॉलेजों की ओर से नैक ग्रेडिंग के लिए की गई प्रोसीडिंग की मंथली रिपोर्ट बनाकर क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी शासन को अवगत कराएंगे। उत्तर प्रदेश राज्य उच्च शिक्षा परिषद के अपर सचिव डॉ। दिनेश कुमार ने प्रदेश के सभी क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारियों को लेटर जारी करते हुए लिखा कि प्रमुख सचिव हायर एजूकेशन डिपार्टमेंट ने कॉलेजों को नैक ग्रेडिंग कराने के लिए सहमति जाहिर की है। आप कॉलेजों की मंथली रिपोर्ट शासन को सौंपे।

गवर्नर ने किया था आह्वान
सीएसजेएमयू में आठ और नौ जुलाई को शिक्षा मंथन 2023 का आयोजन किया गया था। प्रोग्राम में यूपी की 34 यूनिवर्सिटी के वीसी, रजिस्ट्रार समेत कई अफसर, एआईसीटीई, नैक समेत एजूकेशन डिपार्टमेंट के कई जिम्मेदार अफसर आए थे। उस प्रोग्राम में गवर्नर आनंदी बेन पटेल ने कहा था कि यूपी की यूनिवर्सिटीज तो नैक ग्रेडिंग कराने की ओर आगे बढ़ चुकी हैं। अब कॉलेजों को भी अपनी नैक ग्रेडिंग करानी चाहिए। गवर्नर के कहने के बाद शासन ने आदेश जारी करते हुए कॉलेजों से नैक ग्रेडिंग कराने के लिए कहा है।

स्टूडेंट्स को होगा बेनीफिट
कॉलेजों की नैक ग्रेडिंग होने का सीधा फायदा स्टूडेंट्स को होगा। आमतौर पर एफिलिएटेड कॉलेजों की क्वालिटी जानने के लिए स्टूडेंट्स पास कोई भी जरिया नहीं है। वह एक दूसरे से पूछकर कॉलेज का सिलेक्शन करते हैं। ऐसे में कभी कभी मन मुताबिक पढ़ाई न होने से स्टूडेंट निराश भी होते हैं। नैक से ग्रेड मिलने के बाद स्टूडेंट्स को कॉलेज की परफेक्ट स्थिति पता लग जाएगी।

खाली सीटें भरने को भी बने प्लान
नैक एक्रिडिएशन के लिए लेटर जारी करने के बाद कॉलेज संचालकों ने सीट भरने के लिए प्लान बनाने को लेकर आवाज उठाई है। खासकर सेल्फ फाइनेंस कॉलेज संचालकों का कहना है कि 15 जुलाई बीतने के बाद भी कॉलेजों में 50 परसेंट से ज्यादा सीटें खाली हैं। ऐसे में नैक से पहले यदि सीटों को भरने का प्लान बन जाए तो बेहतर रहेगा। इससे कॉलेजों की स्थिति सुधरेगी।

कानपुर के 32 कॉलेज लिस्ट में
शासन की ओर से जारी लिस्ट में कानपुर नगर के 32 कॉलेजों का नाम है। इनमें सीएसजेएमयू से एफिलिएटेड 63 कॉलेज हैं। अन्य जिलों के कॉलेजों में औरैया, इटावा, कन्नौज, गाजीपुर, कानपुर देहात और कौशांबी के कॉलेज हैं।

नैक अच्छी चीज है। इससे क्वालिटी बढ़ेगी। इसके बाद कॉलेजों का कॉम्पटीशन पूरे देश के कॉलेजों से होगा। एजूकेशनल क्वालिटी बढऩे से स्टूडेंट्स भी कॉलेजों में एडमिशन लेंगे।
डॉ। विनय त्रिवेदी, अध्यक्ष, उप्र स्ववित्तपोषित महाविद्यालय एसोसिएशन

नैक ग्रेडिंग मिलने से कॉलेज इंप्रूव होते हैं। स्टूडेंट्स को भी फायदा मिलेगा। यूनिवर्सिटी को फीस और डब्ल्यूआरएन की फीस कम करनी चाहिए। इससे स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ेगी।
डॉ। अखंड प्रताप सिंह, महामंत्री, कानपुर विश्वविद्यालय स्ववित्तपोषित शिक्षक संघ

कॉलेजों की नैक ग्रेडिंग होने का सीधा फायदा स्टूडेंट्स को होगा।
आमतौर पर एफिलिएटेड कॉलेजों की क्वालिटी जानने के लिए स्टूडेंट्स पास कोई भी जरिया नहीं है। वह एक दूसरे से पूछकर कॉलेज का सिलेक्शन करते हैं। ऐसे में कभी कभी मन मुताबिक पढ़ाई न होने से स्टूडेंट निराश भी होते हैं।


स्टूडेंट्स को होंगे ये फायदे
- कॉलेज स्टाफ स्टूडेंट्स को गुमराह नहीं कर पाएगा
-नैक ग्रेडिंग बता देगी कॉलेज की परफेक्ट स्थिति
-एडमिशन के लिए आसानी से चुन सकेंगे कॉलेज
-कॉलेज में एजूकेशन क्वॉलिटी बेहतर होगी
-प्राइवेट कॉलेज भी संसाधान सुविधाएं बढ़ाएंगे
-कॉलेजों का कॉम्पटीशन पूरे देश के कॉलेजों से