- श्रीलक्ष्मी कॉटसिन की कानपुर समेत पांच यूनिटों के लिए होगी, नोएडा यूनिट 11.7 करोड़ में नीलाम
- 03 हजार करोड़ रुपए श्री लक्ष्मी कॉटसिन लिमिटेड पर बैंकों का बकाया था
- 07 हजार करोड़ रुपए पहुंच गई है ब्याज व पेनाल्टी मिलाकर यह रकम
KANPUR: टेक्सटाइल इंडस्ट्री में बड़े नामों में शुमार श्रीलक्ष्मी कॉटसिन के बुरे दिन चल रहे हैं। कभी इस कंपनी का टेक्सटाइल इंडस्ट्री में सिक्का चलता था। लेकिन अब इसकी यूनिटें बिकने लगी हैं। पहली नीलामी नोएडा की यूनिट की हुई है। अब कानपुर यूनिट की नीलामी की तैयारी हो रही है।
अंग्रेजी रजाइर् बनती थी
कर्ज तले दबी इस कंपनी को बेचने की कवायद तीन साल से चल रही थी। सात यूनिटों में कंफर्टन (अंग्रेजी रजाई) बनाने वाली नोएडा यूनिट काफी प्रयासों के बाद नीलाम हुई। नीलामी के लिए नोएडा यूनिट का बेस प्राइस छह करोड़ 10 लाख रुपए रखा गया था। ऑनलाइन नीलामी में 18 खरीदारों के बीच 75 राउंड बोली चली और अंत में 11 करोड़ 70 लाख रुपए में यह यूनिट बिक गई।
इसी माह कानपुर यूनिट की निलामी
अब इस माह के अंत तक कानपुर, अभयपुर फतेहपुर, मलवां फतेहपुर, रेवाड़ी बुजुर्ग फतेहपुर और रुड़की यूनिटों को नीलाम किया जा सकता है। श्री लक्ष्मी कॉटसिन लिमिटेड पर बैंकों का तीन हजार करोड़ रुपए बकाया था। ब्याज व पेनाल्टी मिलाकर यह रकम बढ़कर करीब सात हजार करोड़ रुपए पहुंच गई है। सेंट्रल बैंक, यूनियन बैंक, स्टेट बैंक, इंडियन बैंक व केनरा बैंक की ओर से दिया गया कर्ज इसमें शामिल है। बैंकों ने लिक्विडेटर को जो रिपोर्ट दी है, उसके मुताबिक ब्याज व पेनाल्टी मिलाकर कर्ज की रकम बढ़ गई है।
550 करोड़ अांकी कीमत
वर्ष 2018 में कंपनी की कीमत साढ़े पांच सौ करोड़ रुपए आंकी गई थी। वेलस्पन व ट्राइजेंट ने कंपनी खरीदने में रुचि दिखाई थी, लेकिन बात आगे नहीं बढ़ी। विलय के मद्देनजर इन दोनों कंपनियों को अपना प्लान जमा करना था। इसके बाद बैंकों की मी¨टग बुलाई जानी थी। ऐसा नहीं हुआ।
जांच के दायरे में 120 कंपनियां
श्री लक्ष्मी कॉटसिन समेत शहर की 120 कंपनियों को जांच के दायरे में लिया गया है। पता लगाया जा रहा है कि जीएसटी लागू होने के बाद पहले दो वर्ष में कंपनियों ने किस तरह कारोबार किया। इनमें कार शोरूम, लोहा और रसोई मसालों की कंपनियां शामिल हैं।