- बिना थर्मल स्क्रीनिंग के मिल रही पैसेंजर्स को एंट्री, हर रोज मिल रहे हैं कोविड पॉजिटिव
- रायबरेली, हरदोई रूट की बसों में भूसे की तरह भरे जा रहे पैसेंजर्स
- ऐसी अवेयरनेस किस काम की जब कंडक्टर और ड्राइवर ही नहीं लगा रहे मास्क
KANPUR। झकरकटी बस अड्डे में हर रोज कोविड क्9 के पेशेंट मिल रहे है। यह देखते हुए कमिश्नर ने कोविड प्रोटोकॉल सख्ती से फॉलो कराने को कहा था। लेकिन उनके इस आदेश का सिटी के रोडवेज प्रशासन पर कुछ खास असर नहीं पड़ा। वेडनेस डे को भी हालात पहले की तरह ही दिखाई दिए। बस अड्डे में मुम्बई, सूरत, अहमदाबाद, एमपी और दिल्ली से आने वाले पैसेंजर्स कोविड प्रोटोकॉल को फॉलो कर रहे हैं या नहीं यह देखने के लिए कोई भी स्टाफ तैनात नहीं किया गया। थर्मल स्क्रीनिंग भी गेट पर नहीं हो रही थी। बसों के अंदर के हालात डरावने थे। हरदोई, रायबरेली रूट की बसों में भूसे की तरफ पैसेंजर्स भरे हुए थे।
नोटिस के बाद भी नहीं दिखी सख्ती
गौरतलब है कि ट्यूजडे को ही कमिश्नर डॉ। राजशेखर ने झकरकटी बस अड्डे का औचक निरीक्षण किया था। हर जगह खामियां मिलने पर कमिश्नर ने नाराजगी व्यक्त करते हुए एआरएम को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इसके बावजूद वेडनेसडे को हालातों में कोई बदलाव नहीं दिखाई दिया। रोडवेज बसों के कंडक्टर व ड्राइवर भी बिना मास्क के घूम रहे थे। कई पैसेंजर्स भी बिना मास्क के दिखे।
पैसेंजर्स की संख्या डेढ़ गुना बढ़ी
कोरोना के बढ़ते केसेस को देखते हुए महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में लॉकडाउन जैसे हालात पैदा हो गए है। जिस कारण वहां काम करने वाले यूपी व बिहार के लोग एक बार फिर से पलायन शुरू कर दिया है। यहीं कारण है कि इन दिनों झकरकटी बस अड्डे में पहले की अपेक्षा पैसेंजर्स की संख्या डेढ़ गुना बढ़ गई हैं। रोडवेज अधिकारियों के मुताबिक हरदोई, रायबरेली, पड़रौना, सुल्तानपुर आदि रूटों में पैसेंजर्स की संख्या अचानक बढ़ी हैं।
थर्मल स्क्रीनिंग की कोई डेस्क नहीं
झकरकटी बस अड्डे में डेली हजारों की संख्या में अन्य प्रदेश व जिलों से पैसेंजर्स आ रहे हैं। इनकी थर्मल स्क्रीनिंग की कोई व्यवस्था नहीं। थर्मल स्क्रीनिंग के लिए लगाए गए दो कर्मचारी आपको खोजने से भी नहीं मिलेंगे। हकीकत यह है कि सिर्फ कागजी आंकड़ों में पैसेंजर्स की थर्मल स्क्रीनिंग की जाती है। हालांकि कोरोना जांच के लिए दो टीमें जरूरी लगी हुई है।
यूपी गवर्नमेंट के नियम
- रूट से आने के बाद बस का डिपो में सेनेटाइजेशन
- बस में जर्नी करने वाले पैसेंजर्स के हाथों को सेनेटाइज कराया जाए
- बिना मास्क के पैसेंजर्स को जर्नी नहीं करने देना
- थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही बस अड्डे में पैसेंजर का एंट्री करने देना
- एनाउंसमेंट कर पैसेंजर्स को अवेयर करते रहे
- आफिस के बाहर पैडल ऑपरेटेड सेनेटाइजर मशीन
- कैंपस में स्वच्छता का ध्यान और सिटिंग चेयर का दिन में दो बार सेनेटाइजेशन
आंकड़े
- क् हजार से अधिक बसों का डेली आवागमन
- ब्0 हजार से अधिक पैसेंजर्स का डेली आवागमन
- फ्0 जनरथ एसी बसों का डेली आवागमन
- ख् प्रदेशों से बसों का आवागमन डेली
- ब्0 हजार पैसेंजर्स की थर्मल स्क्रीनिंग को लगे ख् कर्मचारी
कमिश्नर के आदेशानुसार व्यवस्थाओं में सुधार किया जा रहा है। जिन रूटों में पैसेंजर लोड अधिक है। उन रूटों में अतिरिक्त बसों का संचालन किया जाएगा। थर्मल स्क्रीनिंग के लिए एक दो दिनों में छह कर्मचारियों का लगाया जाएगा।
अनिल अग्रवाल, आरएम, रोडवेज कानपुर रीजन