कानपुर(ब्यूरो)। ट्रेनों में तैनात एस्कार्ट सिपाही अब ड्यूटी के दौरान किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरत सकेंगे, क्योकि अब जीआरपी व आरपीएफ एस्कार्ट सिपाहियों पर अधिकारी सीयूजी नंबर के जरिए ऑनलाइन निगरानी कर सकेंगे। पैसेंजर्स व विभिन्न शिकायतों के माध्यम से अधिकारियों को रात में ट्रेनों में तैनात एस्कार्ट सिपाहियों के सो जाने की जानकारी लगातार मिल रही है। जिसकी वजह से चोरी समेत अन्य अपराधिक घटनाओं पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। लिहाजा जीआरपी व आरपीएफ अधिकारियों ने ऑनलाइन निगरानी करने का फैसला लिया है।
हर आधा घंटे में ट्रेन में करनी होगी पेट्रोलिंग
जीआरपी अधिकारियों के मुताबिक रात की ट्रेनों में एस्कार्ट सिपाही के सो जाने की शिकायत लगातार मिल रही है। जिसकी वजह से अब एस्कार्ट सिपाहियों को ड्यूटी के दौरान दिए जाने वाले सीयूजी फोन नंबर को जीपीएस के जरिए ट्रेस किया जाएगा। अधिकारी अपने सिस्टम व मोबाइल से उनकी लोकेशन की जानकारी ले सकेंगे। जीपीएस के जरिए यह जानकारी हो जाएगी कि स्कॉट सिपाही ट्रेन में मूव कर रहा है या फिर सो रहा है। आधा घंटे सिपाही का मूवमेंट न शो होने पर उसको कॉल कर कारण पूछा जाएगा।
एसी कोच में करने लगते आराम
दिल्ली-हावड़ा व मुम्बई रूट की कई ट्रेनों में कानपुर से एस्कार्ट चढ़ता है। सिटी के बाहर निकलते ही सुपरफास्ट ट्रेनों जिसके स्टॉपेज कम होते हैं उन ट्रेनों में तैनात एस्कार्ट सिपाही स्लीपर कोच में निर्धारित बर्थ को छोड़ कर एसी कोच में निकल जाते है। जहां टीटीई से खाली बर्थ पूछ कर वह आराम फरमाने लगते हैं। जिसका फायदा अपराधी उठाते है और देर रात ट्रेन में चोरी व लूट की घटनाओं को अंजाम देते हैं।
50 से अधिक ट्रेनों में एस्कार्ट
कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर रिवर्स शताब्दी, फरक्का एक्सप्रेस, स्वतंत्रता सेनानी समेत लगभग 50 से अधिक सुपरफास्ट व एक्सप्रेस ट्रेनों में कानपुर से एस्कार्ट चढ़ता है। कानपुर से ट्रेन में चढऩे वाला जीआरपी व आरपीएफ स्कॉट दिल्ली तक जाता है। वहीं कानपुर से आगरा तक व कानपुर से मुगलसराय तक कानपुर का एस्कार्ट ट्रेनों को सुरक्षा देता है। इसके अलावा दिल्ली रूट की अन्य ट्रेनों को दूसरे डिवीजन व रीजन की फोर्स सुरक्षा देती है।
इन ट्रेनों में चलता एस्कार्ट
- श्रमशक्ति एक्सप्रेस
- रिवर्स शताब्दी
- स्वतंत्रा सेनानी एक्सप्रेस
- मंडुवाडीह एक्सप्रेस
- गरीब रथ एक्सप्रेस
- दरभंगा क्लोन एक्सप्रेस
- अजमेर-सियालदाह एक्सप्रेस
- अवध एक्सप्रेस
- पटना-कोटा एक्सप्रेस
- विक्रमशिला एक्सप्रेस
- पूर्वा एक्सप्रेस समेत आदि&& ट्रेनों में चलने वाले एस्कार्ट ड्यूटी के दौरान कोई लापरवाही तो नहीं कर रहे है। इसकी रैंडम चेकिंग भी स्टेशन में की जाती है। अब उनकी ऑनलाइन निगरानी भी की जा सकेगी। यह फैसला पैसेंजर्स की सुरक्षा को देखते हुए लिया गया है.&य&य
आरके द्विवेदी, इंस्पेक्टर, जीआरपी, कानपुर