- अब सभी टेक्निकल इंस्टीट्यृट में हिंदी व रीजनल लैंग्वेज में भी होगी पढ़ाई, एआईसीटीई ने जारी किया सर्कुलर

- नए सेशन से लागू होगा बदलाव, बीटेक के लिए मैथ्स और साइंस की अनिवार्यता भी खत्म, 13 नए ऑप्शन मिलेंगे

KANPUR: अब हिंदी में पढ़ाई कराकर स्किल्ड टेक्नोक्रेट तैयार किए जाएंगे। टेक्निकल एजुकेशनल इंस्टीट्यूट में ¨हदी समेत क्षेत्रीय लैंग्वेज में पढ़ाई कराई जाएगी। इसकी शुरुआत नए सेशन से बीटेक और पॉलीटेक्निक कराने वाले इंस्टीट्यूट से होगी। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने यह बड़ा बदलाव करते हुए कॉलेजों को इसकी अनुमति देते हुए सर्कुलर जारी कर दिया है।

ज्यादातर बुक्स इंग्लिश में

इंजीनिय¨रग और पॉलीटेक्निक की पढ़ाई की बुक्स ज्यादातर इंग्लिश लैंग्वेज में हैं। कुछ ही किताबें ऐसी हैं जो ¨हदी लैंग्वेज में पब्लिश हैं। एआईसीटीई ने लैंग्वेज की सहजता को ध्यान में रखकर जो बदलाव किया है उसके तहत ¨हदी समेत अन्य लोकल लैंग्वेज में कोर्स का ट्रांसलेशन किए जाने का सिलसिला शुरू हो गया है। एआईसीटीई के कानपुर क्षेत्रीय कार्यालय ने तकनीकी शिक्षण संस्थानों को इसका सर्कुलर जारी करते हुए उन्हें इसकी छूट दे दी है।

1400 बीटेक व पॉलीटेक्निक इंस्टीट्यूट

कानपुर क्षेत्रीय कार्यालय से उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड व बिहार के 1400 बीटेक व पॉलीटेक्निक संस्थान मान्यता प्राप्त हैं। एआईसीटीई के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ। मनोज कुमार तिवारी ने बताया कि यह कॉलेजों पर निर्भर करेगा कि वह किस लोकल लैंग्वेज में पढ़ाई कराना चाहते हैं। यूपी समेत कई प्रदेशों के टेक्निकल कॉलेज इस नई व्यवस्था को लेकर उत्साहित हैं क्योंकि जहां पर लोकल लैंग्वेज के स्टूडेंट्स की संख्या अधिक है वह उसी लैंग्वेज में कोर्स की पढ़ाई कराना चाहते हैं। ¨हदी के अलावा दक्षिण भारतीय कई भाषाओं में इंजीनिय¨रग की बुक्स का ट्रांसलेशन किया जा रहा है।

बीटेक के लिए 13 सब्जेक्ट के ऑप्शन

नए सेशन से बीटेक में एडमिशन के लिए मैथ्स और साइंस सब्जेक्ट की अनिवार्यता को समाप्त किया जा रहा है। एआईसीटीई ने इसके लिए खाका तैयार करके उस पर मुहर लगा दी है। इसके तहत स्टूडेंट्स को बीटेक में एडमिशन के लिए 13 सब्जेक्ट के ऑप्शन दिए जाएंगे। इन सब्जेक्ट में से अगर 12वीं में तीन विषय होंगे तो वह वह बीटेक में एडमिशन ले सकेंगे।

कौन-कौन से सब्जेक्ट?

यह सब्जेक्ट कंप्यूटर साइंस, फिजिक्स, केमेस्ट्री, मैथ्स, इलेक्ट्रॉनिक्स, इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी, जीव विज्ञान, इंफोर्मेटिक्स प्रेक्टिस, बायोटेक्नोलॉजी, एग्रीकल्चर, इंजीनिय¨रग ग्राफिक्स, बिजनेस स्टडीज, एंटरप्रेन्योरशिप हैं।

मैथ्स और फिजिक्स की जरूरत नहीं

डॉ। मनोज ने बताया कि इसके अनुरूप उन बीटेक कोर्स में एडमिशन मिल सकेगा जिनमें मैथ्स और फिजिक्स की जरूरत नहीं होती है। देश की अलग-अलग यूनिवर्सिटीज में ऐसे कोर्सों के लिए एंट्रेंस एग्जाम भी आयोजित कराते हैं। इन एग्जाम में 12वीं पास ऐसे स्टूडेंट शामिल हो सकेंगे जिनके पास मैथ्स व फिजिक्स सब्जेक्ट नहीं थे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत यह बदलाव किया जा रहा है।