कानपुर (ब्यूरो)। अनवरगंज-मंधना एलीवेटेड रेल ट्रैक का रोड़ा दूर होने की उम्मीदें फिर से बढ़ गई हैं। इसके लिए एनसीआर के अधिकारी तकनीकी पहलुओं पर मंथन कर रहे हैं। उनकी रिपोर्ट के साथ एनईआर रीजन के अफसर भी जरीब चौकी, तेजाब मिल कैंपस और अनवरगंज रेलवे स्टेशन तक एलीवेटेड रेल ट्रैक, मेट्रो की तर्ज पर स्टेशन बनाने आदि पहलुओं पर संयुक्त रूप से मंथन कर रिपोर्ट बनाएंगे।

20 साल से लटका है मामला
जरीब चौकी क्राङ्क्षसग बिना बंद किए और तेजाब मिल कैंपस क्राङ्क्षसग के लिए हल निकालने के लिए भी काम होगा। इससे भविष्य में आसपास के क्षेत्रों को जाम से छुटकारा मिलेगा। बता दें कि मंधना से अनवरगंज के बीच एलीवेटेड रेल ट्रैक से 18 रेलवे क्राङ्क्षसग खत्म कर प्रतिदिन जाम से जूझ रही 15 लाख से अधिक आबादी को राहत देने के लिए 2004 में कवायद शुरू हुई थी। हर बार कोई न कोई रोड़ा फंसने से मामला लटकता रहा। हाल ही में जब नीति आयोग तक सब कुछ तय हो गया था।

नीति आयोग से बनी सहमति
12 सौ करोड़ से ट्रैक निर्माण पर लगभग सहमति बन गई तो जरीब चौकी रेलवे क्राङ्क्षसग बंद होने का मामला फंस गया। कमिश्नर अमित गुप्ता ने भी रेलवे अधिकारियों से बात की। इससे अब 16 अगस्त के बाद किसी भी दिन रेलवे के सिविल, इलेक्ट्रिक व सिग्नङ्क्षलग समेत दूसरे विभागों से जुड़े अधिकारी स्थलीय सर्वे करेंगे। जरीब चौकी से तेजाब मिल कैंपस रेलवे क्राङ्क्षसग व अनवरगंज स्टेशन तक संभावनाओं को लेकर रिपोर्ट बनेगी। कमिश्नर सीधे तौर पर इसकी निगरानी कर रहे हैं।
एलीवेटेड रेल ट्रैक निर्माण के लिए आने वाली बाधाओं को हटाने के लिए रेलवे के अधिकारी संयुक्त रूप से 16 अगस्त के बाद सर्वे करेंगे। इसके बाद रिपोर्ट बनाकर रेलवे बोर्ड को भेजी जाएगी। जल्द हल निकलने की उम्मीद है।
-राजीव कुमार, चीफ एडमिनिस्ट्रेटिव आफिसर कंस्ट्रक्शन, एनईआर
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18 रेलवे क्राङ्क्षसग हैं अनवरगंज से मंधना तक
50 से ज्यादा बार डेली बंद होती हैं क्रॉसिंग
15 लाख से अधिक आबादी रोज जाम से जूझती
2004 में समस्या से राहत के लिए शुरू हुई थी कवायद
16 अगस्त के बाद अधिकारी फिर करेंगे प्रोजेक्ट का सर्वे