- सुरक्षा एजेंसियों ने फंडिंग करने वाले 45 लोगों की लिस्ट बनाई
- बीते दो साल के दौरान किए गए लेन देन की जांच करेगी ईडी
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KANPUR : हाथरस कांड के बाद यूपी में जातीय दंगा कराने के लिए विदेश से 100 करोड़ रुपए की फंडिंग में पीएफआई के शामिल होने की बात सामने आई है। इसके बाद पुलिस ने पूरे प्रदेश में स्लीपरसेल्स और फंडिंग करने वालों की तलाश शुरू कर दी गई है। पकड़े गए लोगों के मोबाइल खंगाले गए तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। कानपुर के तीन दर्जन से अधिक ऐसे लोगों के नंबर मिले हैं, जो पकड़े गए लोगों से बात करते थे।
सभी नंबर स्विच ऑफ
जांच एजेंसियों को जांच के दौरान जिन लोगों के नंबर मिले, उनमें से अधिकांश शहर के उद्योगपति हैं। सोर्सेज की माने तो इन उद्योगपतियों की कई बार विदेश में और शहर में पीएफआई से जुड़े लोगों से बात हुई। हाथरस कांड के बाद से ये सारे नंबर स्विच ऑफ हैं। बैंक डिटेल खंगालने के लिए 45 लोगों की लिस्ट ईडी को सौंपी गई है।
नोटिस देकर ईडी बुलाएगी
जांच में साफ हो गया है कि शहर के कई लोग पीएफआई से सीधे संपर्क में है। इनके खातों से लेन देन की जानकारी ईडी करेगी। नोटिस देकर इन लोगों को बुलाया भी जाएगा। सोर्सेज की माने तो इस मामले में बड़ा खुलासा होने की उम्मीद है। जिन लोगों के नाम लिस्ट में हैं। वे चकेरी, बाबूपुरवा, नौबस्ता, चमनगंज, बेकनगंज और सिविल लाइंस के हैं। इनमें शहर के दो नामचीन डॉक्टर्स भी हैं। संपर्क करने पर इन डॉक्टर्स ने कोरोना से पीडि़त होने की बात कहते हुए मिलने से इनकार कर दिया।
''पीएफआई को फंडिंग करने वालों की तलाश में जिले की पुलिस सुराग लगा रही है। एलआईयू और सर्विलांस की टीमें अपना काम कर रही है.''
डॉ। प्रीतिंदर सिंह, डीआईजी