- हर साल औसतन 5 से 7 परसेंट तक वाटर लेवल रिचार्ज होता है, इसके मुकाबले काफी तेजी से गिर रहा जलस्तर
- शहरी क्षेत्र में 45 सेमी। तक हर साल गिर जाता है वाटर लेवल, सिर्फ 32 परसेंट पानी ही पीने योग्य बचा है
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KANPUR : शहर का ग्राउंड वाटर लेवल हर साल शहरी क्षेत्र में 45 सेमी। की दर से गिर रहा है। सबमर्सिबल, अवैध पानी सप्लाई और गाड़ी धुलाई सेंटर वालों ने हालात और बिगाड़ दिए हैं। भूगर्भ जल विभाग के मुताबिक एवरेज मानसून में 7 परसेंट तक वाटर रिचार्ज होता है, जबकि इसके मुकाबले 9 गुना तेजी से कानपुर के शहरी क्षेत्र में वाटर लेवल नीचे जा रहा है। राखी मंडी, किदवई नगर, नौबस्ता, गोविंद नगर सहित अन्य इलाकों में तेजी से पानी का दोहन हो रहा है। इसकी वजह से राखी मंडी में वाटर लेवल सूखने की कगार पर पहुंच चुका है।
हैंडपंप भ्ाी सूख गए
राखी मंडी में न तो वाटर लाइन हैं और हैंडपंप भी सूख गए हैं। सबमर्सिबल भी इन इलाकों में 300 फीट बोरिंग पर कार्य करते हैं। यहां के हालात बेहद चिंताजनक हैं। लोग गाडि़यों पर पानी भरने के लिए 1 किमी। दूर बारादेवी लाल पैलेस तक जाते हैं। इसके अलावा बसंत विहार, बाबा नगर में ग्राउंड वाटर लेवल काफी नीचे जा चुका है।
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70 सेमी। तक िगरा वाटर लेवल
प्री और पोस्ट मानसून के आंकड़ों के मुताबिक हर साल 20 सेमी। औसत गिरावट दर्ज की जा रही है। वहीं पिछले 10 साल में कानपुर का ग्राउंड वाटर लेवल 70 सेमी तक गिर चुका है, जो चिंता का विषय है।
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इस प्रकार गिर रहा जलस्तर
-2013 में औसत 25 सेमी।
-2014 में औसत 30 सेमी।
-2015 में औसत 35 सेमी।
-2016 में औसत 40 सेमी।
-2017 में औसत 25 सेमी।
-2018 में औसत 22 सेमी।
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डराते हैं पानी के ये आंकड़े
-45 सेमी। हर साल शहरी क्षेत्र में गिर रहा कानपुर का जलस्तर।
-35 सेमी। हर साल ब्लॉक क्षेत्र में गिर रहा जलस्तर।
-20 सेमी। हर साल गिरावट हो रही प्री और पोस्ट मानसून में।
-25 मीटर से नीचे पहुंचा शहर के 20 इलाकों का जलस्तर।
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कानपुर की भौगोलिक स्थिति
भौगोलिक क्षेत्र- 2,92581 हेक्टेअर
भूजल रिचार्ज- 50,067.48 हेक्टेअर मीटर
वार्षिक भूजल दोहन- 66600.54 हेक्टेअर मीटर
भूजल उपलब्धता- 102186.94 हेक्टेअर मीटर
भूजल दोहन की विकास दर-84.53 परसेंट
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शहर में पोस्ट और प्री मानसून के रिकॉर्ड आंकड़े
ईयर प्री मानसून पोस्ट मानसून
2011 8.15 5.71
2012 7.25 6.75
2013 7.80 5.22
2014 6.57 6.15
2015 7.28 6.87
2016 8.20 7.81
2017 6.70 5.30
2018 6.03 8.83
नोट आंकड़े सेमी। में।
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वाटर लेवल गिरने के प्रमुख कारण
- शहर में सबमर्सिबल की संख्या में पिछले 10 सालों में तेजी से बढ़ी।
- धुलाई सेंटर, अवैध वॉटर टैंकरों का धंधा करने वाले ग्राउंड वाटर का दोहन कर रहें।
- लोगों के द्वारा वाटर रिचार्ज करने के लिए प्रयास 1 परसेंट भी नहीं हो रहा है।
- तेजी से बिगड़ रहे मानसून की चाल भी ग्राउंड वाटर कम होने का बड़ा कारण।
-जमीनों को सिमेंटेड किए जाने से पानी जमीन के नीचे नहीं जा पा रहा है।
-शहर में कुल क्षेत्रफल का 2 परसेंट ही फॉरेस्ट एरियाहै, जो ग्राउंड वाटर लेवल कम कर रहा।
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बारिश की कमी और वाटर लेवल रिचार्ज न होने से ग्राउंड वाटर लेवल तेजी से गिर रहा है। शहर के ग्राउंड वाटर लेवल में हर साल शहरी क्षेत्रों में 45 सेमी। की गिरावट दर्ज की जा रही है।
-अवधेश कुमार भाष्कर, टेक्निकल असिस्टेंट, भूगर्भ जल विभाग।