अंतरिक्ष जांच दल ने संभावना जताई है कि पृथ्वी जैसे दिखने वाले इन ग्रहों में जीवन भी हो सकता है। जांच दल ने इन ग्रहों को सौर मंडल के बाहर की सबसे बड़ी खोज बताया है। इस खोज की बारीकियां 'नेचर' पत्रिका में छपी है।

अमरीका में कैम्ब्रिज के हार्वर्ड-स्मिथसोनियन सेंटर फॉर एस्ट्रोफिज़िक्स के डॉक्टर फ्रैंकोइस फ्रेसिन ने कहा कि ये खोज पृथ्वी जैसे ग्रहों की खोज में एक नए दौर की शुरुआत है। हालांकि माना जा रहा है कि खोजे गए दोनों ग्रहों का तापमान इतना ज़्यादा है कि उनमें जीवन का पनप पाना मुश्किल है।

"अनुकूल तापमान"

लेकिन डॉक्टर फ्रेसिन के मुताबिक़ कभी ये ग्रह अपने सूर्य से दूर, इतने ठंडे थे कि उनके सतह पर जीवन के लिए ज़रूरी पानी की मौजूदगी अनुकूल थी।

उन्होने बीबीसी को बताया, ''हमें पता है कि ये दोनों ग्रह अपने सूर्य के क़रीब जा चुके है.'' माना जा रहा है कि इन दोनों में से बड़ा वाला ग्रह पृथ्वी जैसा हो सकता है। इसका आकार पृथ्वी जैसा ही है और हो सकता है कि इसका तापमान भी पृथ्वी जैसा ही रहा हो।

इनमें केप्लर 20 एफ़ नाम के ग्रह का आकार पृथ्वी जितना ही है। खोजे गए दोनों ग्रह पृथ्वी के मुक़ाबले अपने सूर्य से ज़्यादा क़रीब है। जांचकर्ताओ का कहना है कि इन ग्रहों की सतहें पथरीली है और इनकी बनावट हमारी पृथ्वी जैसी ही है।

डॉक्टर फ्रेसिन के मुताबिक़ पृथ्वी की ही तरह इन ग्रहों की भी बनावट एक तिहाई लौह पदार्थ से और बाकी सिलीकेट की परत की हो सकती है। उनका मानना है कि केप्लर 20एफ़ के वातावरण में भाप की मोटी परते जमी हो सकती है।

ये खोज काफ़ी महत्वपूर्ण है क्योंकि ये पहला मौक़ा है, जब पता चला है कि सौर मंडल के बाहर भी पृथ्वी जैसे ग्रह हो सकते है। इससे ये भी पता चलता है कि केप्लर टेलिस्कोप से हज़ारों प्रकाश वर्ष दूर छोटे ग्रहों को भी खोजा जा सकता है।

इस टेलिस्कोप ने अब तक 35 ग्रह खोजे है, जिनमें से 20 एफ़ को छोड़कर बाक़ी सभी ग्रह पृथ्वी से बड़े हैं। डॉक्टर फ्रैंकोइस फ्रेसिन और उनके जांच दल की अभी तक की सबसे बड़ी खोज पृथ्वी से ढ़ाई गुना ज़्यादा बड़े एक ग्रह की है, जो ‘गोल्डीलॉक्स ज़ोन’ में पाया जाता है।

ये वो जगह होती है जहां न तो ज़्यादा ठंडी और न ही गर्मी पड़ती है। हालांकि डॉक्टर फ्रेसिन का मानना है कि ये दोनो ग्रह ज्यादा बड़ी खोज है।

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