बस अड्डे पर यात्रियों से 'साइलेंट' लूट

-साउथ सिटीं स्थित झकरकटी अंतरराज्यीय बस अड्डे पर लगे दोनों बायो टॉयलेट खराब, सिक्का डालने पर भी नहीं खुलता डोर

-अनजाने में हजारों यात्री हो रहे हैं ठगी का शिकार, जिम्मेदारों ने टॉयलेट पर खराब होने की सूचना तक नहीं चस्पा की

KANPUR : रेलवे स्टेशन हो या फिर बस अड्डा सभी जगहों पर अगर आपको किसी तरह की सुविधा चाहिए तो उसके लिए आपको अपनी जेब ढीली करनी होगी। फिर चाहें वो खाना-पीना या फिर टॉयलेट ही क्यों न हो। लेकिन, अगर आप से पहले पैसे ले लिए जाएं और बाद में आपको वो सुविधा भी न दी जाए तो इसे आप लूट ही कहेंगे वो भी 'साइलेंट'। झकरकटी बस अड्डे पर यात्रियों के साथ कुछ ऐसी ही लूट लंबे समय से की जा रही है, जिसके संबंध में कानपुर कॉलिंग के माध्यम से यात्रियों ने हमें अवगत कराया। डीजे आईनेक्स्ट ने मौके पर पहुंच कर रियेलिटी चेक किया तो उनकी शिकायत सही पाई।

टॉयलेट खराब, दावे बड़े-बड़े

यात्रियों ने बताया कि उनकी सुविधा के लिए करीब 5 महीने पहले बस अड्डे पर टोकन वाले दो बायो टॉयलेट लगवाए गए थे। इसमें एक का क्वाइन डालने पर टॉयलेट का दरवाजा खुल जाता था और यात्री टॉयलेट को यूज करते थे। करीब एक महीने से एक के बाद एक दोनों ही टॉयलेट खराब हो गए, जिसके बाद टॉयलेट में क्वाइन डालने के बाद भी इनका दरवाजा नहीं खुलता है। खास बात यह है कि इन टॉयलेट पर रोडवेज प्रशासन की ओर से टॉयलेट खराब होने के संबंध में कोई सूचना तक चस्पा नहीं की गई है। इस कारण लोग अनजाने में ही रोडवेज की इस 'साइलेंट' लूट का शिकार बन रहे हैं।

हर 0 मिनट पर

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने मौके पर पहुंच कर टॉयलेट का रियेलिटी चेक किया तो पाया कि करीब हर 10 मिनट में एक यात्री उस टॉयलेट के पास पहुंच कर उसमें सिक्का डालने के बाद वापस हो रहा था। वहीं, रोडवेज अधिकारी के अनुसार सीजन में बस अड्डे पर औसतन 30 से 40 हजार यात्रियों का आवागमन रहता है। जबकि, आउट ऑफ सीजन में इन यात्रियों की संख्या घट कर 15 से 20 हजार रह जाती है। इनमें से आधे भी टॉयलेट यूज को जाते होंगे तो उस हिसाब से सीजन के वक्त इस बायो टॉयलेट के क्वाइन बॉक्स में रोज करीब 20 हजार और आउट ऑफ सीजन में करीब 10000 रुपए की लूट की जा रही है।

वर्जन-

इस बायो टॉयलेट के मेंटीनेंस की जिम्मेदारी लोहिया कार्पोरेशन की है। टॉयलेट खराब होने की जानकारी मिली थी, लेकिन अटेंडेंट से संपर्क न हो पाने के कारण लटका हुआ है। क्वाइन बॉक्स की रकम भी डेली वो ही कलेक्ट करता है। मैं कोशिश करता हूं इसे ठीक कराने की।

- राजीव कटियार, एआरएम, रोडवेज

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- 30000 यात्रियों का सीजन में होता है आवागमन

- 15000 यात्रियों की आउट ऑफ सीजन में रहती है चहलकदमी

- 10-20 हजार रुपए डेली 'लूट' रहे जिम्मेदार

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