कानपुर (ब्यूरो)। शहर में ई-रिक्शा का संजाल चारों तरफ फैला हुआ है। न रूट तय है और ना मानक। हर रोड पर ई-रिक्शा का अतिक्रमण इस कदर है कि लोगों को हर दिन जाम से जूझना पड़ता है। कानपुर कमिश्नरेट और परिवहन विभाग भी इनकी बढ़ती संख्या और अराजकता पर अंकुश लगाने में असफल साबित हो रहा है। कई बार नियम बने पर कागजों तक सीमित रह गए। मेट्रो रूट समेत कई वीआईपी रूट से ई-रिक्शा के संचालक को हटाने का निर्देश भी दिया गया, चंद दिनों की कार्रवाई के बाद वर्तमान हालात ढाक के तीन पात साबित हो रहे हैं।
कलर कोड व रूट होना था निर्धारित
ई-रिक्शा की भीड़ शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर नजर आती है। हालांकि इस पर अंकुश लगाने के लिए उनका रूट निर्धारण के साथ कलर कोड की भी स्कीम बनीं थी लेकिन वह योजना सफल नहीं हो सकीं। इसके चलते प्रतिबंधित रूट पर भी ई-रिक्शा दौड़ रहे है और सवारियों के लालच में वह चौराहे पर अतिक्रमण कर जाम के हालत बना देते हैं।
नाबालिग के हाथ में ई रिक्शा खतरनाक
शहर में हजारों ई रिक्शा नाबालिग व अनट्रेड ड्राइवर्स चला रहे हैं। इसी के चलते हाल में ही ई-रिक्शा से होने वाले हादसों में कई लोग अपनी जान गवां चुके तो कई घायल भी हो गए। ई-रिक्शा के लिए कोई मानक तय न होने के चलते उनके खिलाफ पुलिस भी कार्रवाई करने से बचती है।
&& ई-रिक्शा पर कंट्रोल करने के लिए स्कीम बनाई जा रही है। ई-रिक्शा जल्द ही अपने रूट व मानक के अनुसार रोड पर चलेंगे। प्रतिबंधित रूट पर चलने पर ई-रिक्शा सीज किया जाएगा.&य&य
-रवीना त्यागी, डीसीपी ट्रैफिक