-डिप्रेशन के अलावा और शौकिया भी बन रहे ड्रग्स के लती, गलत संगत भी यंगस्टर्स को ले जा रही बर्बादी की तरफ
-नशे की लत लगने के बाद उस पर काबू पाना उससे भी बड़ा चैलेंज बन जाता है, ड्रग्स ही बन जाती है उसकी 'दवा'
KANPUR: यंगस्टर्स में नशे की आदत तेजी से बढ़ती जा रही है। अपने किसी करीबी और साथी को नशा करता देख एक बार ट्राई करने का मन करता है। जब ट्राइ करते हैं तो मजा आता है और फिर बार-बान मजा लेने का सिलसिला एक बार चालू हो जाता है तो रुकने का नाम नहीं लेता है। ये मजा कब लत में बदल जाता है पता ही नहीं चलता। मजे शुरू होने वाला नशा कुछ समय पर शरीर के लिए सबसे बड़ी सजा बन जाता है। जबकि कई बार नशा लेने वाला इसके नुकसानों से अच्छी तरह वाकिफ होता है। नशे की लत लगने के बाद आखिर ब्रेन आखिर किस तरह से बिहेव करता है। इसे लेकर एक्सपर्ट्स के कई तरह के व्यू हैं। हांलाकि इस बात की सहमति जरूर है कि नशे की लत लगने के बाद उस पर काबू पाना उससे भी बड़ा चैलेंज होता है। अक्सर काफी लोग ऐसा नहीं भी कर पाते हैं।
केस-1
पता हीं नहीं चला कब लत लग गई
कार्डियोलॉजी के पास स्थित एआरटी प्लस सेंटर में एचआईवी का ट्रीटमेंट कराने आने वाले रावतपुर निवासी 34 साल के युवक के मुताबिक जब वह कॉलेज में था तब दोस्तों के साथ सिर्फ मजा लेने के लिए शराब पीना शुरू किया। इसके बाद इन्हीं दोस्तों की सोहबत में ड्रग्स लेना भी शुरू कर दिया। शुरू शुरू में तो ड्रग्स लेने में बहुत मजा आता था, लेकिन धीरे धीरे मेरी लाइफ इसकी वजह से प्रभावित होने लगी। पता ही नहीं चला कि कब ड्रग्स की लत लग गई। ड्रग्स नहीं मिलने पर वह उल्टी-सीधी हरकते करने लगा। खाना पीना कम हो गया। चिड़चिड़ा हो गया। बीच में ड्रग्स नहीं मिली तो उसकी भरपाई के लिए नशे के इंजेक्शन लेने लगा। इसी दौरान उसे एचआईवी का इंफेक्शन भी हो गया।
केस-2
तड़प उठती तो जो मिल जाता ले लेता
कानपुर के एक बड़े इंजीनियरिंग कॉलेज में बीटेक की पढ़ाई के दौरान नजीराबाद क्षेत्र में रहने वाले एक स्टूडेंट को 5 साल पहले ड्रग्स की लत लगी। वह बताता है कि दोस्तों के साथ पार्टी में शराब पीते थे। इसी दौरान कुछ दोस्त सफेद पाउडर भी लाने लगे। मैंने भी दो तीन उसे यूज किया तो बहुत मजा आया। ऐसा नशा किसी और चीज में नहीं था, लेकिन पाकेट मनी लिमिटेड थी तो यह नशा महीने में एक दो बार ही होता था। इस बीच इसकी लत लग गई तो चरस गांजा स्मैक जो भी मिल जाता था, वह लेने लगा। 6 महीने तक ऐसे ही चलता रहा। फिर मुझे सांस लेने में दिक्कत होने लगी। शुरुआत में मेरे घर में किसी को नहीं पता था। फिर मेरी हालत बिगड़ती गई तो मैंने यह बात हिम्मत करके अपनी फैमिली से शेयर की।
ड्रग्स की लत पड़ने की मुख्य वजहें
- ड्रग्स ब्रेन के बीच के हिस्से को स्टीम्यूलेट करती हैं। ब्रेन का यह हिस्सा प्लेजर एक्टिविटीज जैसे सेक्स, म्यूजिक जैसी चीजों को एक्टिवेट करता है। इस हिस्से पर ड्रग्स के प्रभाव की वजह से इसे यूज करने वाला शख्स हाई फील करने लगता है।
- हाई फील करना वह टर्म है जिसमें ड्रग्स यूज करने वाला शख्स खुद को एनर्जी से भरपूर समझता है। वह दूसरी बातों को भूल जाता है और डिसइनिवेटिव बिहेवियर करने लगता है। ड्रग्स के प्रभाव से नींद और थकान गायब हो जाती है। साथ ही कॉन्शियसनेस भी कम हो जाती है।
- ड्रग्स के प्रभाव की वजह से कई बार इसे यूज करने वाले लोग इंपल्सिव बिहेवियर करने लगते हैं।
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मजे से शुरू बर्बादी पर खत्म
आम तौर पर यंगस्टर्स हों या फिल्म सितारे या फिर हाई सोसाइटी के लोग। ड्रग्स की शुरुआत सिर्फ कुछ पल के मजे के लिए की जाती है, लेकिन बाद में यह मजे की लत ब्रेन की सोचने समझने की क्षमता को खत्म करने लगती है और ड्रग एडिक्ट बना देती है। बड़ी संख्या में लोग इसका इस्तेमाल स्ट्रेस बस्टर के रूप में भी करते है। ड्रग्स को लेकर यह एक मिथ का ही हिस्सा है। हांलाकि क्लीनिकली इस पर अभी भी साफ तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता है,लेकिन ड्रग्स का एक बार एडिक्शन लग जाने के बाद इसे छोड़ पाना काफी मुश्किल हो जाता है।
कैसे लगता है एडिक्शन
- जब किसी खास तरह का नशा नहीं मिलने पर जबरदस्त बेचैनी होने लगे
- नशा नहीं मिलने पर नार्मल बिहेवियर में बदलाव आने लगे, लोगों से कटने लगे
- नशे की डोज नहीं मिलने पर शरीर में कमजोरी और बीमार फील करने लगे
- नशे को पाने के लिए कोई भी कीमत चुकाने को तैयार हो जाएं
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इन लक्षणों से भी पहचानें एडिक्शन
- घबराघट, बेचैनी, चिड़चिड़ापन, गुस्सा आना, मूड स्विंग होना, याददाश्त कमजोर होना, कंफ्यूजन होना, भूख कम लगना, हार्ट बीट बढ़ना, बिना किसी बीमारी के उल्टी दस्त होना, सिर में तेज दर्द होना, शरीर में एठन और मरोड़, ज्यादा पसीना आने लगना
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वर्जन-
किसी भी तरह के नशे की लत लगने पर ब्रेन के काम करने का पैटर्न बदल जाता है। इस वजह से एडिक्शन करने वाले शख्स का बिहेवियर भी बदलने लगता है। सही समय पर इसे एडिक्शन पर काबू नहीं पाने पर उसके ब्रेन और हेल्थ पर काफी निगेटिव इंपैक्ट भी सामने आने लगते हैं।
- डॉ.गणेश शंकर, असिस्टेंट प्रोफेसर, मानसिक रोग विभाग
ड्रग्स हो या फिर किसी और तरह का नशा। एक बार उसकी लत लग जाती है तो उस शख्स को वह नशा चाहिए ही। ऐसे में उसके बिहेवियर में चेंजेस आते हैं। किसी चीज की लत न लगे इसके लिए मजबूत विल पॉवर बेहद जरूरी है।
- डॉ.विपुल सिंह, प्रोफेसर, मानसिक रोग विभाग, जीएसवीएम मेडिकल कालेज