कानपुर(ब्यूरो)। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) से एफिलिएटेड स्कूलों में स्कूली स्टूडेंट्स के साथ-साथ ड्राप आउट स्टूडेंट्स को स्किल्ड बनाया जाएगा। इसके लिए स्कूलों में ही स्पेशल क्लासेज के जरिए स्टूडेंट ट्रेंड होंगे। इस काम को प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) 4.0 के तहत स्किल हब बनाकर किया जाएगा। बीते दिनों सीबीएसई ने सर्कुलर जारी करते हुए स्कूलों से पीएमकेवीवाई 4.0 के तहत स्किल हब बनाकर ट्रेनिंग स्टार्ट करने की बात कही है। इस स्किल हब को बनवाने का उद्देश्य स्टूडेंट्स को स्किल्ड बनाना है। साथ ही स्टूडेंट्स को 21वीं सदी के चैलेंजेज के लिए तैयार करना है।
इनके लिए चलेगी ट्रे्निंग
इस ट्रेनिंग में स्कूली स्टूडेंट्स के अलावा उनके लिए है जो किसी कारण से स्कूल छोड़ चुके (ड्रॉप आउट) या फिर स्कूल जाते नहीं है। स्किल हब बनाकर ऐसे स्टूडेंट्स को चिंहित किया जाएगा, उसके बाद उनको ट्रेनिंग दी जाएगी। स्कूलों में पीएमकेवीवाई 4.0 के तहत चलने वाली ट्रेनिंग पूरी तरह से फ्री होगी। सर्कुलर मिलने के बाद स्कूलों ने तैैयारी स्टार्ट कर दी है।
यह होगा फायदा
इस कोर्स को चलाने से फ्यूचर के भारत के लिए स्किल्ड फोर्स को तैयार किया जाना है। इस स्कीम के तहत चलने वाले कोर्सों में रोबोटिक्स और एआई समेत स्किल बेस्ड कोर्सों को चलाया जाएगा। कोर्स इस तरह के होंगे, जिसको करने के बाद स्टूडेंट एक स्किल सीख जाए और मौका पडऩे पर जॉब कर सके। फिलहाल मार्केट की डिमांड के अनुसार कोर्सों को लिस्ट में रखा जाना है। इस कोर्स को चलाने का दूसरा उद्देश्य वर्क फोर्स तैयार करने के साथ साथ सभी को हुनरमंद और जॉब देना है।
ऐसे होगा एडमिशन
इस स्कीम के तहत ट्रेनिंग लेने वालों के एडमिशन और सर्टिफिकेशन ऑनलाइन माध्यम से किया जाएगा। इसके अलावा कोर्स के अनुसार ट्रेनिंग का सिलेबस और कंटेंट भी स्टूडेंट को ऑनलाइन भेजा जाएगा। क्लासेज की बात करें तो शुरुआती दिनों में छुट्टी के दिनों या फिर स्कूल टाइम के बाद कुछ समय इन कोर्सों की ट्रेनिंग दी जाएगी।
सीबीएसई के स्कूल केवल किताबी ज्ञान देने के लिए नहीं हैैं। यहां पर स्टूडेंट को स्किल्ड भी बनाया जाता है। इस स्कीम में स्टूडेंट के साथ-साथ ड्राप आउट स्टूडेंट्स का भी ध्यान रखा गया है।
बलविंदर सिंह, सीबीएसई कोऑर्डिनेटर
सीबीएसई स्टूडेंट्स के हित के लिए ही काम करता है। एनईपी के तहत सभी को स्किल्ड बनाना स्कूलों का उद्देश्य भी है। स्टूडेंट्स के लिए अच्छा मौका है। लाइफ में स्किल्ड होना जरुरी है।
शिल्पा मनीष, प्रिंसिपल, डीपीएस आजाद नगर
इस काम में स्टूडेंट्स और पैरेंट्स को कोआपरेट करना होगा। स्कीम बहुत बेहतर है। इसमें स्टूडेंट्स का ही बेनीफिट है। अगर कोई स्किल सीख लेंगे तो फ्यूचर में काम आएगी।
प्रियंका सहगल, प्रिंसिपल, केडीएमए इंटरनेशनल
एनईपी की मंशा है कि स्टूडेंट्स को स्किल्ड बनाना है। स्कूल तो इसके लिए तैयार है। अब केवल स्टूडेंट्स को आगे आने की आवश्यकता है। स्किल्ड होने से ओवरआल डेवलपमेंट होता है।
पुनीता टुटेजा, प्रिंसिपल, वीरेंद्र स्वरुप पब्लिक स्कूल