कानपुर (ब्यूरो)। सजारी स्थित 42 एमएलडी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से निकलने वाला गंदा पानी से केडीए नाला ओवर फ्लो हो रहा है। जिसके चलते 120 बीघा एग्रीकल्चर लैैंड पानी में डूब कर बर्बाद हो रही है। स्थानीय लोगों ने समाधान और तहसील दिवस में इसकी शिकायत की। पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने नगर आयुक्त को पत्र लिखकर नाले की डिसिल्टिंग का काम कराने के लिए कहा है।
तहसील दिवस पर कंप्लेन
नर्वल निवासी संदीप सिंह ने समाधान और तहसील दिवस पर कंप्लेन की। उन्होंने बताया कि सजारी स्थित 42 एमएलडी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से निकलने वाले गंदा पानी केडीए नाले के ओवर फ्लो होने से नर्वल के उचटी, दीपपुर, टीकरा, छतमरा, गौरिया इलाके की करीब 150 बीघा एग्रीकल्चर लैैंड पानी भर गया है। जिससे वहां एग्रीकल्चर का काम पूरी तरह से प्रभावित हो रहा है।
नहीं हुआ डिसिल्टिंग वर्क
पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के रीजनल ऑफिसर अमित मिश्रा सजारी स्थित एसटीपी के शोधित सीवरेज को केडीए के माध्यम से पांडू नदी में निस्तारित किया जाता है लेकिन विगत कई वर्षों से नाले में डिसिल्टिंग का काम न किए जाने के कारण नाले से सीवेज ओवर फ्लो होकर आस-पास के लैैंड में वॉटर लॉगिंग होने से वहां के हालत खराब कर रहा है। जिससे एग्रीकल्चर लैैंड भी बर्बाद हो रही है।
जलनिगम को लिखा पत्र
पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के रीजनल ऑफिसर अमित मिश्रा ने केडीए नाले के ओवर फ्लो होने से सीवेज का गंदा पानी एग्रीकल्चर लैैंड पर जाने से रोकने के लिए प्रोजेक्ट मैनेजर जलनिगम को भी पत्र लिखा है। इसके साथ ही नाले की स्थाई टेपिंग कराये जाने के निर्देश दिए। अधिकारियों ने कहा कि यदि समस्या ठीक नहीं हुई तो एनजीटी की गाइड लाइन के तहत जुर्माने की कार्रवाई भी होगी।