- आईएमए की मल्टी सुपर स्पेशियलिटी ओपीडी के इनॉगे्रशन पर पहुंचे चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री
- अपनी स्पीच के दौरान डॉक्टर्स शेयरिंग माड्यूल पर दिया जोर
KANPUR : डॉक्टर्स के पास काम बंद करने के अलावा भी स्ट्राइक के अन्य तरीके हो सकते हैं। डॉक्टरों के काम बंद करने से आम जनता परेशान होती है। डॉक्टर्स में आम इंसानों से ज्यादा संवेदनाएं होती हैं, इसलिए इंसान के प्रति संवेदनाएं रखते हुए उनके दर्द को महसूस करें। कोलकाता में जो प्रॉब्लम हुई उसे ममता जी को भड़काने के बजाय सुलझाना चाहिए था। देश भर के डॉक्टर्स ने सांकेतिक विरोध किया। जनस्वास्थ्य की बेहतरी पर अधिक जोर होना चाहिए। यह बात आईएमए की ओर से शुरू की गई मल्टी सुपर स्पेशियलिटी ओपीडी के इनॉग्रेशन में चीफ गेस्ट के रूप में पहुंचे चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कही।
डॉक्टर्स की सेफ्टी के लिए गवर्नमेंट चिंतित
उन्होंने कहा कि डॉक्टर्स के साथ घ टनाएं पहले से होती रही हैं, लेकिन किसी भी गवर्नमेंट ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। क्लीनिक स्टेबलिशमेंट एक्ट वर्ष 2011 में बना, लेकिन अनुपालन नहीं हुआ। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद वर्ष 2017 में इसका अनुपाल शुरू हुआ और दो वषरें में 14 एफआइआर दर्ज की गई। जब डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर सरकार चिंतित है तो अब डॉक्टर्स को भी अपनी सेवाएं देने में गवर्नमेंट का पूरा सहयोग करना चाहिए।
तैयार करें शेयरिंग ओपीडी का माड्यूल
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, आईएमए के डॉक्टर्स शेयरिंग ओपीडी का माड्यूल तैयार कर लें ताकि शाम की ओपीडी चलाई जा सके। इसमें प्रॉफिट शेयरिंग भी की जाएगी। माड्यूल के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी डीएम के साथ बैठक कर तैयारी पूरी कर लें। उन्होंने कहा कि इसका प्रस्ताव दस दिन में तैयार करके भेजें, जिसे कैबिनेट से पास कराकर लागू कराया जाएगा।
बेहतर सेवाओं के लिए सहयोग जरूरी
गवर्नमेंट हॉस्पिटल्स में डॉक्टर्स की कमी है, प्राइवेट सेक्टर के सहयोग के बगैर स्वास्थ्य सेवाएं और बेहतर नहीं की जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि मायावती दलितों की हमदर्द हैं और अखिलेश यादव मुसलमानों के रहनुमा बनने का दावा करते हैं। सच्चाई यह है कि इंसेफलाइटिस का सबसे अधिक कहर मुस्लिमों और दलितों पर ही है। उन्होंने कहा पूर्व में आई सरकारों ने इसकी रोकथाम के लिए कोई कदम नहीं उठाया।
ओपीडी में 10 रुपए में रजिस्ट्रेशन
आईएमए की ओर से शुरू की गई मल्टी सुपरस्पेशियलिटी ओपीडी में दस रुपये में 10 दिन के लिए मरीज रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे। इसमें शहर के प्रमुख स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स मरीजों को परामर्श देंगे। ओपीडी के इनॉग्रेशन में प्रदेश भाजपा के महामंत्री सलिल विश्नोई ने कहा कि आईएमए कानपुर ने चैरिटेबल ओपीडी शुरू करके डॉ। विधान चंद्र राय को सच्ची श्रद्धांजलि दी गई है। उन्होंने मंत्री से अनुरोध किया कि आईएमए को कंपनियों के सीएसआर से बजट दिलाएं। उन्होंने कहाकि डॉक्टर अपने विरोध का तरीका बदलें, हड़ताल की बजाए जापान की तर्ज पर अधिक काम करके दिखाएं। कार्यक्रम में गोल्डी मसाले के निदेशक सुधीर गोयनका ने कहा कि वह शहर और राज्य की जनता के लिए हर संभव मदद का प्रयास करते रहेंगे। इस दौरान एडी हेल्थ डॉ। आरपी यादव, सीएमओ डॉ। अशोक शुक्ला, आईएमए अध्यक्ष डॉ। अर्चना भदौरिया समेत प्रमुख डॉक्टर मौजूद रहे।