कानपुर (ब्यूरो) चेस्ट हॉस्पिटल के हेड डॉ। आनंद कुमार ने बताया कि जनवरी से मार्च के सेकेंड वीक तक हमारी टीम ने ओपीडी में आए 700 केसों में स्टडी किया है। जिसमें सामने आया कि वह नार्मल फ्लू से पीडि़त हुए थे और उनको लंबे समय तक खांसी की समस्या हो रही थी। खांसी की समस्या लेकर ही वह अस्पताल आए थे। उनको नार्मल एंटी एलर्जी और एंटीबायोटेक दी गई। इसके बावजूद सामान्य दिनों में उनकी खांसी में कोई असर नहीं देखने को मिला। अंदाजा लगाया जा रहा है यह किसी वायरस का म्यूटेशन है।
जांचे नार्मल फिर भी समस्या
डॉक्टर्स के मुताबिक स्टडी किए गए केसों में यह बड़ी बात सामने आई है कि जहां उन पर नार्मल वायरल की दवाएं काम नहीं कर रही है। वहीं ब्लड, एक्सरे व सिटी स्कैन जैसी जांचों में भी कोई नहीं निकल रहा है। इसके बावजूद उनकों एक-एक माह तक खांसी आ रही है। केस स्टडी की रिपोर्ट जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को दी गई है। इंफ्लुएंजा ए की किट जांच मंडे से शुरू हो गई है। लिहाजा एक सप्ताह में साफ हो जाएगा कि यह किस वायरस का असर हैं।
डेली 50 से अधिक पेशेंट आ रहे
डॉ। आनंद कुमार ने बताया कि नार्मल ओपीडी में डेली चेस्ट इंफ्ेक्शन के 400 से अधिक पेशेंट आते हैं। जिनमें 50 पेशेंट इस प्रकार के आ रहे है। जो नार्मल वायरल के शिकार होने के बाद लंबे समय तक खांसी की प्राब्लम से ग्रसित हैं। 500 से अधिक ऐसे पेशेंट्स भी हैं। जोकि लगातार फॉलोअप उपचार ले रहे हैं। एक माह के बाद 70 परसेंट से अधिक पेशेंट्स में दवाओं का असर देखने को मिल रहा है।
एक सप्ताह में हो जाता था सही
चेस्ट अस्पताल के एचओडी डॉ। आनंद कुमार बताते है कि अभी तक कॉमन कोल्ड के केस में पेशेंट को खांसी आने पर एंटी एलर्जी व एंटीबायोटिक दी जाती है। जिसका असर एक सप्ताह के अंदर साफ देखने को मिलता है। एक सप्ताह के बाद पेशेंट को अस्पताल आने की जरूरत नहीं पड़ती है लेकिन इन दिनों चल रहे वायरल बीमारियों में लंबे समय तक खांसी का असर देखने को मिल रहा है।

आंकड़े
- 400 से अधिक पेशेंट डेली ओपीडी में आते हैं चेस्ट इंफेक्शन के
- 50 पेशेंट लंबे समय से खांसी आने की शिकायत लेकर डेली आ रहे
- 700 पेशेंट के केस स्टडी की गई
- 5 विशेषज्ञ डॉक्टरों के पैनल ने ढाई माह इस पर की स्टडी
- 3 साल पहले भी इस प्रकार के केस आए थे सामने

कामन कोल्ड केस में लंबे समय तक कई पेशेंट खांसी की शिकायत लेकर आ रहे थे। यह इंफ्लुएंजा ए का असर हो सकता है या फिर कोरोना का कोई नया वैरिएंट, इंफ्लुएंजा ए की जांच शुरु होने के बाद यह स्थित साफ हो जाएगी।
डॉ। आनंद कुमार, एचओडी, चेस्ट हॉस्पिटल, जीएसवीएम