- स्कूलों के लिए पुलिस कमिश्नरेट ने जारी की एडवाइजरी
- संबंधित थाना-चौकी की टीम स्कूलों में चेक करेगी कोविड संक्रमण से बचाने के इंतजाम
- स्कूल संचालकों को किया सतर्क, शिकायत मिलने पर एफआईआर के साथ मान्यता भी हो सकती है रद
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KANPUR : कोरोना की दूसरी लहर का असर खत्म होने पर 16 अगस्त से एक बार स्कूल-कॉलेज खुलने जा रहे हैं। कोविड प्रोटोकॉल के तहत क्लास लगाने के लिए स्कूलों में तैयारियां शुरू हो गई हैं। बच्चे कोरोना संक्रमण के खतरे से पूरी तरह सेफ रहें, इसके लिए पुलिस कमिश्नरेट ने भी हाथ बढ़ाया है। स्कूलों के लिए एडवाइजरी जारी की है। जिसके तहत हर स्कूल संचालक को कोविड गाइडलाइंस फॉलो करनी होगी। संबंधित थाने की टीम स्कूल पहुंचकर इसे चेक भी करेगी। दोषी पाए जाने पर एपिडमिक एक्ट के तहत केस दर्ज होगा और जुर्माना भी वसूला जाएगा। मान्यता रद करने के लिए भी पुलिस सिफारिश कर सकती है।
इम्यूनिटी को बढ़ाना होगा
मेडिकल रिपोर्ट्स के मुताबिक कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद ज्यादातर लोगों में हर्ड इम्युनिटी डेवलप हो गई है। बच्चे भी इम्यून हो रहे हैं, लेकिन जब बच्चे स्कूल जाएंगे और दूसरे बच्चों के कांटेक्ट में आएंगे तो कोरोना वायरस का एक्सपोज हो सकता है। इसलिए स्कूल में बच्चों को सावधान रहना होगा। पैरेंट्स को बच्चों को स्कूल जाने से पहले कोरोना से बचाव के बारे में ट्रेनिंग देनी होगी। आईएपी(इंडियरन पीडियेट्रिक एसोसिएशन) प्रेसीडेंट डॉ। अंबरीश गुप्ता ने बताया कि बच्चों का इम्यून सिस्टम ज्यादा स्ट्रॉन्ग नहीं होता। जिसकी वजह से वे जल्दी वायरस व अन्य बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। ऐसे में उनकी इम्युनिटी को बढ़ाना होगा।
अच्छी आदतों के बारे में बताएं
कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए बच्चों को अच्छी आदतों के बारे में बताना बेहद जरूरी है। उन्हें कोविड-19 संक्रमण से बचाने के लिए हाथों को अच्छी तरह से धोने के बारे में बताएं। उन्हें ये समझाए कि हाथों को 30 सेकेंड तक अच्छी तरह से धोएं और उसके बाद ही कुछ खाएं। खांसने छींकने के दौरान टिश्यू पेपर का यूज करें। वैसे तो हम बच्चों को हर चीज शेयर करना सिखाते हैं लेकिन, कोरोना महामारी के दौरान हमें शेयर नहीं करना ि1सखाना होगा।
रेगुलर चेकअप करें
डॉ। अंबरीश बताते हैं कि बच्चों के स्वास्थ्य को हमेशा प्राथमिकता पर रखें और डॉक्टर से रेगुलर चेकअप कराते रहें। बच्चे को कई अन्य बीमारियों से लड़ने की वैक्सीन जरूर लगवाएं। यह उनके इम्यून सिस्टम को मजबूत करेगा। अक्टूबर तक बच्चे को इंफ्लुएंजा वायरस की वैक्सीन जरूर लगवाएं। बच्चे की जरा भी तबियत खराब होने पर उसके डॉक्टर से संपर्क करें। स्कूल में किसी भी तरह की लापरवाही न हो। क्लासरूम सहित अन्य जगहों पर समय से सेनेटाइजेशन किया जाए।
प्रोबायोटिक और हेल्दी फूड खिलाएं
बच्चों के काफी समय के बाद स्कूल लौटने पर उसे कई नई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। इसलिए उसे ऐसे प्रोबायोटिक और हेल्दी फूड खिलाएं जो उसकी इम्यूनिटी को मजबूत करें। प्रोबायोटिक युक्त भोजन हमारे शरीर में गुड बैक्टीरिया की संख्या को बढ़ाकर पाचन क्रिया को मजबूत करता है। बच्चों के लिए विटामिन-डी 3 युक्त प्रोबायोटिक बहुत अच्छा माना जाता है।
स्कूल में बच्चे रखें ध्यान
- दोस्तों से मिलते वक्त हाथ न मिलाएं। न गले लगें।
- बेंच या कुíसयों को टच करने के बाद हाथ सैनेटाइज करें।
- वॉशरूम सीधे हाथों से खोलने के बजाए कोहनी के सहारे खोलें
- खांसी से पीडि़त साथी से करीब 2 मीटर की दूरी रखें।
- सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखें
- छींकते या खांसते समय मुंह पर टिशू रखें
- इस्तेमाल करने के बाद इसे डस्टबिन में डालें।
- बार-बार चेहरे पर हाथ न लगाएं
स्कूलों के लिए जारी एडवाइजरी
- क्लास में 50 फीसदी से ज्यादा बच्चे न हों
- क्लास के बाहर हैंडसेनेटाइजर जरूर रखें।
- क्लास का फर्नीचर लगातार सैनेटाइज किया जाए।
- टीचर क्लास में मास्क का इस्तेमाल करें।
- किसी भी बीमार बच्चे को क्लास अटेंड न कराएं।
- स्कूल के पूरे स्टाफ का वैक्सीनेशन जरूरी
- एक क्लास के बाद दूसरी क्लॉस को हैंड वॉश कर अटेंड करें।
- बाथरूम को छोड़कर स्कूल के सारे दरवाजे खुले रखें।
- स्कूल में पर्दो का इस्तेमाल न किया जाए।
- पानी पीने के लिए ग्लास की जगह बच्चे अपनी बॉटल यूज करें
बच्चे पूरी तरह सेफ रहें, इसके लिए पेरेंट्स के साथ स्कूल स्टाफ को भी अलर्ट रहना होगा। स्कूलों के लिए एडवाइजरी जारी की गई है, जिसे थाने की पुलिस समय-समय पर चेक करेगी।
असीम अरुण, सीपी कानपुर