कानपुर (ब्यूरो)। रीढ़ की हड्डियों की संरचना जितनी जटिल है, उससे ज्यादा इसके शारीरिक महत्व भी होते हैं। रीढ़ की हड्डी के जोड़ स्पाइनल को सुरक्षित रहते हैं। इन जोड़ों का सीधा संबंध दिमाग से होता है। मस्तिष्क को सूचना आदान-प्रदान करने में रीड़ की हड्डियों का बहुत बड़ा महत्व है। कई बेहद सामान्य कारण की वजह से दर्द का कारण बनते हैं, लेकिन रीढ़़ की हड्डी में लगातार दर्द बने रहना ट्यूमर की जटिलता को पैदा कर सकता है। इसलिए रीढ़ में होने वाले दर्द को नजर अंदाज नहीं करना चाहिए। यह जानकारी लखनऊ केजीएमयू के न्यूरो डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ। बीके ओझा ने आईएमए की सीजीपी प्रोग्राम के तहत दी।


मानसिक रोग होने की संभावना
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में फ्राइडे को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन कानपुर ने सीजीपी 41वां रिफ्रेशर कोर्स 2024 का आयोजन किया। इस दौरान डॉ। बीके ओझा ने बताया कि रीढ़ के किसी भी हिस्से में हुई गांठ कोशिकाओं और ऊतकों का एक समूह होता है। जो दिमाग से सीधे संबंध वाली तरंगों के वेग को रोकने का काम करती है। तब व्यक्ति को मानसिक रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। रीढ़ की समस्याओं की कई वजह भी होती हैं और इसे रोक पाने में कई तत्व अपनी भूमिका का निर्वाह करते हैं।

न्यूरो सर्जन से करें संपर्क
उन्होनें बताया कि सड़क हादसे के अलावा अन्य बीमारियों की वजह से भी बॉडी के हाथ व पैर काम करना बंद कर सकते हैं। अगर कमर दर्द के साथ पेशेंट को पैरों में कमजोरी या सुन्नपन का एहसास हो तो ऐसे में तत्काल न्यूरो सर्जन से संपर्क करना चाहिए। काफी समय से कमर दर्द के साथ बुख़ार बना रहता है तो यह स्पाइन टीबी की संभावना हो सकती है। स्पाइन टीबी की समस्या वर्तमान में तेजी से बढ़ी है। रात में होने वाला कमर का दर्द स्पाइनल ट्यूमर का पहला लक्षण हो सकता है। इस प्रकार की सभी समस्याओं के लिए उचित समय पर जांच खासकर एमआरआई कराना जरूरी होता है।

स्लीप डिसआर्डर की दी जानकारी
प्रोग्राम के दौरान स्लीप रिलेटेड डिसआर्डर पर केजीएमयू से आए डॉ। आनंद श्रीवास्तव व डॉ। ममता उपाध्याय ने कई अहम जानकारी डॉक्टर्स से साझा की। डॉ। ममता ने बताया कि समाज में आब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के पेशेंट की संख्या बढ़ रही है। जिसका मुख्य कारण मोटापा एव अव्यवस्थित लाइफ स्टाइल है। प्रोग्राम डायरेक्टर डॉ। आनंद कुमार ने बताया कि स्कोप आब्सट्रक्टिव की स्लीप एपनिया की जानकारी के प्रसार के लिए ऐसे वर्कशाप होता रहना चाहिए। इस दौरान आईएमए अध्यक्ष डॉ। नंदिनी रस्तोगी, सचिव डॉ। कुनाल सहाय, डॉ। अनुराग मल्होत्रा, डॉ। वीएन त्रिपाठी, डॉ। एसके गौतम, डॉ। सुनीता गौतम, न्यूरो सर्जन डॉ। अमित गुप्ता, डॉ। आईएन वाजपेयी, डॉ। जयंत वर्मा, डॉ.मनीष सिंह , डॉ। विकास शुक्ला , डॉ। प्रीति शुक्ला समेत सिटी के बेस्ट न्यूरो सर्जन मौजूद रहे।