कानपुर (ब्यूरो) रियलिटी चेक के दौरान गो लिए गए स्कूलों में बच्चों के लिए बैठने को कुर्सी मेज तक नहीं थी। बच्चों को आज भी बीस साल पहले की तरह जमीन पर बैठाकर पढ़ाया जा रहा है। विद्यालय परिसर में बारिश का पानी भरा है जिसमें मच्छर पनप रहे हैं। ऐसी स्थिति में जब डेंगू के संक्रमण का प्रकोप चरम पर है। यानि बच्चे संक्रामक बीमारियों के घेरे में हैं। पूछने पर बच्चों ने डीएम का नाम तो बताया लेकिन बोले कि डीएम अंकल यहां आए नहीं हैं।
कंपोजिट स्कूल है हिंदूपुर
हिंदूपुर गांव में संचालित कम्पोजिट विद्यालय में 191 बच्चे रजिस्टर्ड हैं। यहां 8 टीचर्स और दो अनुदेशक, एक शिक्षामित्र और एक फोर्थ क्लास कर्मचारी है। यहां पहली और दूसरी कक्षा के बच्चों के लिए बैठने के लिए कुर्सियां मेज तक नहीं है। आज भी यहां दरी बिछाकर बच्चों को पढ़ाया जा रहा है।
फर्नीचर के लिए लिखा पत्र
विद्यालय की प्रधानाध्यापक साधना ने बताया कि कुछ बच्चों के लिए फर्नीचर नहीं है। इसके लिए विभाग को कई बार पत्र भी लिख चुके हैं। अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा मिशन कायाकल्प के तहत विद्यालय में सभी 19 बिंदुओं के काम पूरे हो चुके हैं।
स्कूल में भरा पानी
मिशन कायाकल्प के तहत विद्यालय में लगभग सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त हैं लेकिन बारिश का पानी स्कूल परिसर में ही भरा है। जिसकी वजह से मच्छर पनप रहे हैं। वर्तमान में डेंगू का संक्रमण भी फैला है। वहां दिन में भी मच्छर लग रहे हैं।
सीडीओ के विद्यालय में अधूरा काम
सीडीओ को सम्भलपुर प्राथमिक विद्यालय गोद में मिला है। यहां अभी तक मिशन कायाकल्प की 19 बिंदुओं पर काम पूरा नहीं हो पाया है। न तो परिसर में इंटरलाकिंग लग पाई है और न ही दिव्यांग बच्चों के लिए बाथरूम का निर्माण हो पाया है। यहां 91 बच्चे रजिस्टर्ड हैं।
10 साल पहले मिले थे फर्नीचर
संभलपुर प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापक मीनू श्रीवास्तव ने कहा कि यहां दस साल पहले फर्नीचर दिए गए थे। तब से नहीं मिले हैं। एक एनजीओ ने कुछ फर्नीचर दिया है। इन्हीं से काम चलाया जा रहा है। विद्यालय में निर्माण कार्य चल रहा है।
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