- रोडवेज ड्राइवर कर रहे हैं मनमानी, बिना आदेश के सीओडी ब्रिज से ले जा रहे हैं बसें
- कानपुर-लखनऊ रूट में छह किमी की दूरी कम होने के बावजूद पहले की तरह लिया जा रहा किराया
KANPUR। सीओडी पुल बनने से लाखों कानपुराइट्स की समस्या तो दूर हो गई लेकिन रोडवेज पैसेंजर्स की समस्या जस की तस बनी हुई है। सीओडी पुल की दोनों लेन शुरू होने के बाद बसें टाटमिल से सीओडी ब्रिज होते हुए रामादेवी जा रही हैं। यहीं बसें पुल चालू होने के पहले तक टाटमिल से किदवई नगर-बाईपास होकर रामादेवी जा रही थी। जिसमें वर्तमान की अपेक्षा लगभग छह किमी की रनिंग अधिक होती थी। अब दूरी कम होने के बावजूद रोडवेज पैसेंजर्स से पहले का निर्धारित किराया ही वसूल रहा है।
सात रूपए बढ़ा दिया था किराया
रोडवेज सोर्सेस के मुताबिक, लगभग चार से पांच साल पहले सीओडी आरओबी निर्माण के दौरान रोडवेज की बसों को कानपुराइट्स की समस्या को देखते हुए डायवर्ट कर दिया गया था। डायवर्जन की वजह से रूट की दूरी बढ़ने का हवाला देकर रोडवेज ने सात रुपए किराया बढ़ा दिया था। नवंबर लास्ट वीक से सीओडी पुल की दोनों लेन चलने के बाद बसें फिर से सीओडी होकर रामादेवी जाने लगे। लेकिन किराया उतना ही पैसेंजर से वसूला जा रहा है।
लिखा पढ़ी में संचालन शुरू नहीं
रोडवेज के आफिसर्स से जब इस मामले में बात की गई तो उन्होंने बताया कि बसें अभी भी किदवई नगर-बाईपास-रामादेवी होकर लखनऊ जाने का आदेश है। कुछ बस चालक चक्कर और जाम की समस्या से बचने के लिए टाटमिल से सीधा पीएसी मोड़ होकर रामादेवी चले जाते हैं। जो नियम के विरुद्ध है। कई बार अभियान चलाकर बस चालकों पर विभागीय कार्रवाई भी की जाती है।
लखनऊ का फेयर
नॉन एसी बस का 115 रुपए
एसी दो बाई दो बर्थ का 159 रुपए
एसी दो बाई थ्री बर्थ का 145 रुपए
आंकड़े
- 15 से 20 हजार पैसेंजर्स डेली लखनऊ रूट में करते जर्नी
- 150 से अधिक बसें लखनऊ व वाया लखनऊ होकर चलती है
- 10 हजार पैसेंजर्स कोरोना काल के पहले डेली लखनऊ रूट पर जर्नी करते थे
- 99 परसेंट लखनऊ रूट की बसें सीओडी पुल होकर लखनऊ जा रही
- 1.05 रुपए प्रति किमी फेयर लिया जाता पैसेंजर्स से
- 5 रुपए लगभग टोल व दुर्घटना बीमा का फेयर में जोड़ा जाता है
टाटमिल से सीओडी होकर रामादेवी जाने का अभी कोई आदेश बस चालकों को नहीं दिया गया है। अगर ऐसा है तो रूट में औचक चेकिंग लगाकर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
राजेश सिंह, एआरएम, झकरकटी बस अड्डा