कानपुर(ब्यूरो)। पनकी पड़ाव दिल्ली-हावड़ा रेलवे लाइन की क्रासिंग पर प्रस्तावित रेलवे ओवर ब्रिज का एलाइनमेंट और डिजाइन तैयार है, लेकिन विवाद के कारण अब इस ब्रिज पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं, इसकी वजह है कि ब्रिज को बनाने के लिए कराए गए सर्वे में गड़बड़ी। स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुल को एल-टाइप में डिजाइन किया गया है, अगर टी-डिजाइन में पुल बनाया जाए तो जाम की समस्या से निजात मिल जाएगा। इसे लेकर स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन को पत्र लिखकर सर्वे को फिर से कराने की मांग की है। पुल के बनने से पनकी, कल्याणपुर, महावीरपुरम, रतनपुर, सुन्दर नगर, शताब्दी नगर, गंगागंज कॉलोनी समेत तीस से अधिक मोहल्लों में रहने वाले दो लाख से अधिक लोगों को राहत मिलेगी।
उल्टी दिशा से उतारा जा रहा पुल
शहर के बड़े हिस्से को पनकी से जोडऩे के लिए पनकी पड़ाव रेल क्रासिंग पर जाम को देखते हुए ओवर ब्रिज बनाने के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया, यहां पर क्रासिंग बंद होते हैं कई किलोमीटर तक लंबा जाम लग जाता है। इसकी वजह से स्थानीय जनता वर्षों से जूझ रही है। ऐसे में पिछले दिनों यहां पर पुल बनाने के लिए सर्वे कराया गया। काम पूरा होने के बाद डिजाइन भी तैयार कर ली गई है, लेकिन अब लोगों का कहना है कि दिल्ली हाईवे पर चढऩे और उतरने के लिए सेल (स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया) की तरफ से गाड़ी आती जाती है, लेकिन अब ठीक इसके उल्टे साइड पनकी न्यू ट्रांसपोर्ट नगर की तरफ पुल उतारा जा रहा है, ऐसे में जाम की समस्या कभी खत्म नहीं होगी।
इस वजह से आ रही रुकावट
स्थानीय राकेश, बृजेश, सुमन, अजय, किशोर, सतीश, रोहित समेत अन्य लोगोंं ने शिकायत में कहा है कि हाईवे भैौतीं तिराहा की तरफ निचले एवं लोकल रास्ते से गुजरने वाले वाहनों की भारी संख्या पनकी पड़ाव सेल यार्ड से होते हुए शहर में एंट्री करते हैं, जिस वजह से पनकी पड़ाव क्रासिंग से लेकर भौतीं तिराहा तक लंबा जाम लग जाता है। जिससे छुटकारा पाने के लिए टी टाइप पुल का निर्माण होना था, लेकिन कुछ लोगों के कहने पर पुल का निर्माण एल टाइप होने जा रहा है। अब यह पुल भौंती सेल की तरफ उतारने की बजाए पनकी न्यू ट्रासपोर्ट नगर पाल ढाबा की तरफ उतारा जाएगा। जिससे जाम की समस्या पहले जैसी बनी रहेगी।
क्यों बनाया जाना है पुल
पिछले सप्ताह विधायक सुरेन्द्र मैथानी पुल का डिजाइन व एलाइनमेंट को देखा था। इस दौरान सेतु निगम के अधिकारियों ने बताया था कि पुल निर्माण के लिए रेलवे और राज्य सरकार को 51.34 करोड़ रुपए का बजट प्रस्ताव भेजा जा रहा है। वहीं, सुरेन्द्र मैथानी ने भी डिजाइन और एलाइनमेंट देखकर अपनी सहमती दे दी है, ऐसे में अब स्थानीय लोगों ने डिजाइन को लेकर आपत्ति दर्ज कराई है। इस क्रासिंग से रोजाना बीस हजार से अधिक वाहन गुजरते हैं, क्रासिंग बंद होने से कई किमी। तक जाम लगता है, इससे बचने के लिए पुल निर्माण कराया जाना है।
ये होगा फायदा
2 लाख से अधिक लोगों को क्रासिंग पर पुल बनने से मिलेगी राहत
- 10 से 15 मिनट पर गुजरती है औसतन एक ट्रेन
- 1 किलोमीटर से अधिक दोनों साइड लगता है जाम
- 2016 से चल रहा क्रासिंग पर पुल बनाने का प्रस्ताव
- 30 से अधिक मोहल्लों को मिलेगा फायदा
- 20 हजार से अधिक गुजरती है क्रासिंग से गाडिय़ां
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प्रस्तावित पुल
408.30 मीटर पुल की लंबाई
67.00 मीटर रेलवे के हिस्से में
775.30 मीटर कुल पुल की लंबाई
3909.03 लाख रुपए सेतु निगम के हिस्से की लागत
ृ1225.21 लाख रुपए रेलवे के हिस्से की लागत
5134.24 लाख रुपए पुल की लागत
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