एक बयान में मरीन कॉर्प्स ने कहा है कि अभी तक वे इस वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं कर पाए हैं और न ही उन्हें ये पता चला है कि ये वीडियो कहाँ से आया है।
लेकिन मरीन सेना इसकी पुष्टि करने में लगी है कि वीडियो में कौन हैं। सेना का ये भी कहना है कि वीडियो में जिस तरह की हरकत दिखाई गई है, वो मरीन सैनिकों के मूल्यों के उलट है। पेंटागन ने इस वीडियो फुटेज को हैरान-परेशान करने वाला बताया है।
प्रसारण
ये वीडियो क्लिप इंटरनेट पर पोस्ट किया गया है और अरबी टीवी चैनल अल जज़ीरा पर इसे दिखाया भी गया है। अभी ये भी नहीं पता चल पाया है कि कब इस वीडियो को फ़िल्माया गया है और किसने इसे इंटरनेट पर पोस्ट किया है।
समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक़ वॉशिंगटन स्थित इस्लामिक-अमरेकिन रिलेशंस काउंसिल ने वीडियो की कड़ी आलोचना की है। रक्षा मंत्री लियोन पनेटा को भेजे पत्र में काउंसिल ने इस वीडियो की आलोचना करते हुए कहा है कि ये सैनिक नियमों और अंतरराष्ट्रीय क़ानून की अवहेलना है।
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