- गोविंदपुरी स्टेशन में टै्रक पर मिली लड़की की डेडबॉडी के मामले का जीआरपी ने किया खुलासा, तीन गिरफ्तार

- पहले युवती ने दिया अपने पति को धोखा और प्रेमी के साथ चली आई, फिर प्रेमी ने युवती को धोखा देकर किया कत्ल

- प्लेटफार्म-2 पर ही पहले युवती का गला घोंटा, फिर टै्रक पर फेंका, लात मार की मरने की पुष्टि

KANPUR: गोविंदपुरी स्टेशन पर बुधवार सुबह ट्रैक पर मिली युवती के कत्ल के मामले में जीआरपी ने फ् मुल्जिमों को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा कर दिया। युवती को कहीं से मार के लाकर वहां नहीं फेंका गया था बल्कि उसका गोविंदपुरी स्टेशन के प्लेटफार्म-ख् पर मंगलवार की देर रात गलाघोंट कर कत्ल कर दिया गया था। कत्ल का मुल्जिम वह है जिसके साथ वह क्म् जनवरी को बिना किसी को बताए बांदा से अपना ससुराल छोड़ कर चली गई थी।

किराए के कमरे में रह रही थी

कानपुर आने के बाद से वह नौबस्ता में किराए के एक कमरे में रह रही थी। इस दौरान पैसे व खर्चे को लेकर खटपट होने लगी। शादी के 8 महीने बाद ही पति को छोड़ने के बाद वह जिस शख्स की वजह से उनसे घर छोड़ा था उसने ही मंगलवार की रात नशे में चूर होकर अपने दोस्तों के साथ युवती का गोविंदपुरी स्टेशन पर कत्ल कर दिया। दरअसल जीआरपी ने इस कत्ल के पीछे की जो वजह बताई है वह सिर्फ एक युवती की हत्या का मामला नहीं है बल्कि वह भरोसे का कत्ल है।

पति सूरत में नौकरी करता है

बांदा के लुप्तारा गांव निवासी भगवानदीन ने अपनी बेटी अंजलि की शादी बीते साल क्ब् जून को महुवा तारा गांव के दिलीप से की थी। दिलीप सूरत में नौकरी करता था। शादी के बाद से काफी समय तक अंजलि मायके में ही रही। पिता के मुताबिक एक महीने पहले ही वह मायके वापस लौटी थी। जीआरपी इंस्पेक्टर त्रिपुरारी पांडेय ने बताया कि अंजलि क्म् जनवरी से गायब थी। पिता ने गांव के ही शिवपूजन पर शक जताते हुए बांदा के गिरवा थाने में बहला फुसला कर बेटी को भगा ले जाने की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी। जीआरपी इंस्पेक्टर के मुताबिक शिवपूजन अंजलि को लेकर नौबस्ता में अजय गुप्ता के किराए के मकान में रहने लगा।

आर्थिक तंगी, अवैध संबंध और शराब

खर्चे को अंजलि और उसके प्रेमी शिवपूजन में आए दिन झगड़ा होने लगा। इस दौरान कमरे में बांदा का ही सुरेश यादव उर्फ मामा और हरीलाल भी आने लगा। पुलिस के मुताबिक अंजलि सुरेश यादव को पहले से जानती थी और दोनों के संबंध अच्छे थे। अंजलि अपने साथ सोने चांदी के जेवर भी लाई थी। शिवपूजन की आर्थिक स्थिति बेहद खराब थी। जीआरपी चौकी इंचार्ज जीतेंद्र कुमार के मुताबिक मकान मालिक अजय गुप्ता से पूछताछ में पता चला कि दोनों में घर खर्च को लेकर काफी विवाद होता था। मंगलवार को दिन में भी दोनों में काफी लड़ाई हुई थी। जिसके बाद शाम को शिवपूजन, अंजलि को लेकर हरिलाल और सुरेश यादव के साथ बांदा जाने के लिए निकला। मंगलवार रात को ही वह उसे लेकर गोविंदपुरी स्टेशन पहुंचा लेकिन टिकट नहीं खरीदे। बस तीनों ने शराब पी।

घूंसा मारा फिर गला घोंटा

शिवपूजन, सुरेश यादव और हरीलाल तीनों अंजलि को बांदा ले जाने के बहाने गोविंदपुरी स्टेशन लेकर आए थे। मंगलवार रात क्क् बजे के करीब वह अंजलि को लेकर प्लेटफार्म-ख् पर गए। वहां पर एक बेंच पर बैठ गए। इसी दौरान किसी बात को लेकर अंजलि और शिवपूजन का झगड़ा हुआ। इसके बाद शिवपूजन ने उठ कर पहले तो अंजलि के सिर में मारा, फिर उसी की स्टोल से उसका गला घोंटने लगा। छटपटाते समय सुरेश ने अंजलि का मुंह बंद किया।

मारने के बाद उतार लिए जेवर

जीआरपी इंस्पेक्टर में मुताबिक इस दौरान हरीलाल यह देख भाग खड़ा हुआ। सुरेश और शिवपूजन ने ही गला घोटने के बाद अंजलि की अंगूठियां उतारी और उसके बाकी सारे सोने चांदी के जेवर लिए। उसके बाद उसे ट्रैक पर फैंक दिया। अंजलि मर गई इसकी तस्दीक करने के लिए शिवपूजन ने उसकी लाश पर कई लात भी मारीं। उसके बाद टै्रक पार कर फजलगंज की ओर चला गया। इसके बाद तीनों सेंट्रल स्टेशन आए और वहां से बांदा चले गए।

हथेली पर लिखे नंबर ने ही पहुंचाया कातिल तक

अंजलि के हाथ में शिवपूजन का जो मोबाइल नंबर लिखा था वही उसके पकड़े जाने की वजह बना। वह जीआरपी के राडार पर तो बुधवार शाम को ही आ गया था। वहीं मकान मालिक से पूछताछ में पता चला कि अंजलि ने यह नंबर सुरेश यादव से फोन पर लिया था। उसके बेटे ने ही अंजलि के हाथ में यह नंबर लिखा था। जिसके बारे में शिवपूजन को नहीं पता था। सीओ जीआरपी शेषनाथ सिंह ने बताया कि हत्या के बाद गायब युवती का मोबाइल और गहने भी मुल्जिमों के पास से बरामद किए हैं।