- जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में शासन का डायग्नोस्टिक हब बनाने का प्लान, पीपीपी मॉडल पर तैयार होगा, हर तरह की जांच की सुविधा मिलेगी

-आसपास के तीन और मेडिकल कॉलेजों के पेशेंट्स भी जांच के लिए आ सकेंगे जीएसवीएम, मेडिकल एजूकेशन मिनिस्टर ने जमीन चिन्हित करने को कहा

KANPUR: जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में आने वाले पेशेंट्स को जल्द ही हर तरह की जांचों की सुविधा मिलने लगेगी। उसे जांच के लिए प्राइवेट पैथलॉजी की दौड़ नही लगानी होगी। क्योंकि शासन की ओर से पीपीपी मॉडल पर यहां डायग्नोस्टिक हब विकसित करने का प्लान तैयार किया है। जिसमें सिर्फ कानपुर ही नहीं बल्कि आसपास के कई मेडिकल कॉलेजों से पेशेंट्स को जांच के लिए भेजा जाएगा। डायग्नोस्टिक हब में इमेजिंग से लेकर पैथोलॉजी, बायोकेमेस्ट्री समेत हर तरह की जांच की सुविधा मिलेगी। अभी इसमें बांदा, कन्नौज और जालौन मेडिकल कॉलेज को जोड़ा जाएगा। शासन ने इस बाबत मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल को जमीन चिन्हित कर उसकी जानकारी भेजने के लिए भी कहा है।

बतौर मॉडल स्थापित होगा

मेडिकल कॉलेज में डायग्नोस्टिक हब शुरू करने की शासन की प्लानिंग में इसे बतौर मॉडल स्थापित करने की तैयारी है। जिसमें एक बड़े मेडिकल कॉलेज से तीन नए राजकीय मेडिकल कॉलेजों को जोड़ा जाएगा। इन मेडिकल कॉलेजों में आने वाले पेशेंट्स को भी अगर स्पेशल जांचों की जरूरत पड़ती है तो उन्हें डायग्नोस्टिक हब में भेजा जाएगा। यह मॉडल सक्सेसफुल होने पर प्रदेश के दूसरे पुराने मेडिकल कॉलेजों में भी इसी तर्ज पर डायग्नोस्टिक हब तैयार किए जाएंगे।

सीटी स्कैन मशीन

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो। आरबी कमल के मुताबिक डायग्नोस्टिक हब में सीटी स्कैन मशीन पहले लगेगी। साथ ही यहां बांदा, जालौन और कन्नौज मेडिकल कॉलेज के पेशेंट्स को भी जांच के लिए भेजा जाएगा। अभी भी बड़ी संख्या में इन मेडिकल कॉलेजों से पेशेंट्स रेफर किए जाते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए डायग्नोस्टिक सेंटर विकसित करने का फैसला शासन ने लिया है। यह सेंटर पीपीपी मॉडल पर चलेगा। मेडिकल एजुकेशन मिनिस्टर ने डायग्नोस्टिक हब के लिए जगह चिन्हित कर उसकी जानकारी भेजने को कहा है।

डायग्नोस्टिक हब में इन सुविधाओं पर जोर-

- एमआरआई,

-सीटी स्कैन,

-डिजिटल एक्सरे

-कलर डॉप्लर

-इकोकार्डियोग्राफी

-पीएफटी, पैथोलाजी

-नर्व कंडक्शन स्टडी

-ईईजी

-सभी तरह की पैथोलॉजी,

-माइक्रोबायोलॉजी और बायोकेमेस्ट्री इनवेस्टिगेशंस।

मशीनों के लिए शासन से मंजूरी

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के एलएलआर हॉस्पिटल में डायग्नोस्टिक फैसेलिटीज को बढ़ाने के लिए एक एमआरआई मशीन और दो सीटी स्कैन मशीनों की खरीद को शासन से मंजूरी मिल चुकी है। दो में से एक सीटी स्कैन मशीन पोर्टेबल होगी। कोविड पेशेंट्स के ट्रीटमेंट के लिए इस मशीन को स्वीकृत किया गया था, लेकिन बाद में एक और सीटी स्कैन मशीन की खरीद का प्रस्ताव मंजूर हो गया। वहीं पीपीपी मोड पर बनने वाले डायग्नोस्टिक हब में सीटी स्कैन मशीन इंस्टॉल होने के बाद उसके उपयोग के आधार पर आगे एमआरआई मशीन भी लगाई जाएगी। कॉलेज प्रशासन की ओर से 3 टेस्ला की एमआरआई मशीन की खरीद का प्रस्ताव दिया गया है। इससे होने वाली जांचों की दर भी प्राइवेट डायग्नोस्टिक सेंटर्स के मुकाबले बेहद कम होगी।

हाईटेक ट्रीटमेंट का हाेगा इंतजाम

मेडिकल कॉलेज के एलएलआर हॉस्पिटल में डायग्नोस्टिक सेंटर खुलने से हाईटेक ट्रीटमेंट की संभावनाएं बढ़ेंगी। इसके साथ ही रेडियो डायग्नोसिस डिपार्टमेंट के रेजीडेंट्स को भी इन सब तकनीक की जानकारी होगी। अभी सीटी और एमआरआई से गाइडेड कई तरह के प्रोसीजर बड़े प्राइवेट सेंटर्स में होते हैं, लेकिन अपनी मशीनें नहीं होने से एलएलआर हॉस्पिटल में इस तरह के प्रोसीजर नहीं हो पाते हैं।