कानपुर(ब्यूरो)। गर्मी से राहत के लिए अगर आप भी लगातार एसी में रहते हैं और यह आपकी आदत बन चुकी है तो अलर्ट हो जाइए। लगातार एसी में रहने से शरीर के लिए जरूरी विटामिन डी का लेवल कम हो रहा है। इस वजह से लोगों में टाइप-1 डायबिटीज का खतरा भी बढ़ा है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के ऑर्थोपेडिक डिपार्टमेंट के डॉक्टर्स की ओर से की गई एक स्टडी में यह तथ्य सामने आए हैं। जहां ओपीडी में आए 350 पेशेंट्स की विटामिन डी की जांच कराने के साथ उनकी दिनचर्या की जानकारी भी ली गई थी।

4 महीने चली स्टडी
स्टडी को पूरा करने में 4 महीने का समय लगा। जिन मरीजों का परीक्षण और डाटा एनालिसिस किया गया। उन मरीजों की एचबीवन एसी और फास्टिंग व पीपी जांच भी कराई गई। जिसमें से 19 प्रतिशत मरीजों में टाइप वन डायबिटीज होने की भी पुष्टि हुई। डॉक्टर्स का मानना है कि बदलती लाइफस्टाइल की वजह से लोग धूप में कम निकलते हैं। ऐसे में शरीर के लिए जरूरी विटामिन डी-3 की कमी हो जाती है। विटामिन डी-3 का सबसे बड़ा सोर्स सूरज की रोशनी ही है।

78 फीसदी महिलाओं में कमी
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के ऑर्थोपेडिक डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.फहीम अंसारी ने जानकारी दी कि स्टडी के दौरान जिन मरीजों की जांच कराने के साथ उनकी लाइफस्टाइल से जुड़ी जानकारी ली गई थी। उनमें से 70 फीसदी लोग ऐसे थे जोकि प्रतिदिन कम से कम 12 से 14 घंटे एसी में रहते हैं। कुल मरीजों में 60 प्रतिशत पुरुष और 40 प्रतिशत महिलाएं थी। 78 फीसदी महिलाओं में डी-3 की कमी पाई गई। इनमें से ज्यादातर मरीजों का सूरज की धूप से एक्सपोजर बेहद कम था। उनकी विटामिन डी-3 की जांच कराई गई तो उसमें विटामिन- डी की डिफिसेंसी की पुष्टि भी हुई।

टाइप-1 डायबिटीज का भी खतरा
डॉ.फहीम अंसारी ने बताया कि यह कई स्टडीज में पहले ही साफ हुआ है कि विटामिन डी की कमी की वजह से टाइप-1 डायबिटीज का खतरा बढ़ता है। विटामिन-डी से ग्लूकोज टोलरेंस बढ़ती है। जबकि इसकी कमी होने से पैंक्रियाज से इंसुलिन का सेक्रिशन कम होता है। जिससे डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है। स्टडी में 19 फीसदी पेशेंट्स ऐसे थे। जिनका एचबी वन एसी का स्तर 7 से 8 के बीच मिला था। उन्हें डायबिटीज कंफर्म हुई थी।
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कितना विटामिन-डी 3 पर्याप्त
उम्र- पुरुष- महिला
0 से 12 महीने की उम्र- 10-10
1 से 70 साल की तक उम्र- 15-15
70 साल से ज्यादा-20-20
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सभी डाटा- माइक्रोग्राम प्रतिदिन के हिसाब से। रेकमेंडेड डायट्री प्रतिदिन
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धूप से कितना एब्जार्बेशन
विशेषज्ञों का मानना है कि प्रतिदिन सुबह या हफ्ते में कम से कम दो बार 10 बजे से शाम 4 बजे के बीच अगर 5 से 30 मिनट तक हाथ, चेहरे, पैर, पीठ पर सूरज की रोशनी पड़ती है तो विटामिन डी-3 एब्जॉर्बेशन पर्याप्त मात्रा में हो जाता है। सूरज की धूप से होने वाले डी-3 के एब्जॉर्बेशन ठीक से हों, इसके लिए जरूरी है कि स्किन पर सन स्क्रीन लोशन न लगा हो।

कितनी तरह के विटामिन डी
विटामिन डी 2- एरगोकैल्शिफेरोल-
सबसे अच्छा सोर्स- मशरूम और खमीर में सबसे ज्यादा
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विटामिन डी3- कोलेकैल्शिफेरोल -
सबसे अच्छा सोर्स - सूरज की यूवी किरणों से और मछली से भी।
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