कानपुर (ब्यूरो) उन्होंने बताया कि इंसुलिन ही डायबिटीज का मुख्य इलाज है। इसे 1921 में बनाया गया था। अब इसके 100 साल पूरे हो रहे हैं। वहीं आईएमए पे्रसीडेंट डॉ.बृजेंद्र शुक्ला ने बताया कि डायबिटीज को लेकर जागरुकता बढ़ाना जरूरी है। इसके मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वहीं सेकेट्री देवज्योति देवराय ने बताया कि संडे को वल्र्ड डायबिटीज डे के मौके पर आईएमए की ओर से सुबह 7.30 बजे डायबिटीज जागरुकता पदयात्रा भी निकाली जाएगी।