कानपुर (ब्यूरो) एचबीटीयू के कुलपति प्रो। समशेर, कांफ्रेंस के चेयरमैन प्रो। आरके त्रिवेदी, एसोसिएशन की सेंट्रल जोन के सचिव आशुतोष मिश्रा, ट्रेजरार उमेश शर्मा ने वर्कशॉप का शुभारंभ किया। इसके बाद मुंबई, गुजरात, दिल्ली, राजस्थान आदि राज्यों से आए सोप व डिटर्जेंट इंडस्ट्री के विशेषज्ञों ने महत्वपूर्ण जानकारी दीं। मुंबई से आए यूनीटाप केमिकल्स प्राइवेट लिमिटेड के तकनीकी निदेशक डॉ। एटी मिरजकर ने बताया कि वर्तमान में इंडस्ट्री में बायोडिग्रडेबल उत्पाद बनाने की दिशा में कार्य हो रहा है। ताकि पानी में जाने के बाद वाटर बाडी पर विपरीत प्रभाव न पड़े। उन्होंने बताया कि वह एग्रो केमिकल पर आधारित उत्पाद तैयार करते हैं। जिसका प्रयोग खेतीबाड़ी में होता है। इससे फसलों को भी कोई नुकसान नहीं होगा।
खुद ही होंगे डिकंपोज
मुंबई से ही आए बीएएसएफ कंपनी के कॉमर्शियल हेड अभिनव देसाई और टेक्निकल हेड उदय कुलकर्णी ने बताया कि बायोडिग्रडेबल उत्पाद लगभग 25 दिन तक ही पानी में रहते हैं। इसके बाद डिकंपोज हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में लोग बायोडिग्रडेबल, नेचुरल और बेहतर परिणाम देने वाले सस्ते उत्पादों को पसंद करते हैं। कंपनी इसी दिशा में काम कर रही है।
पेश किए रिसर्च पेपर
संस्थान के कई प्रोफेसरों ने भी व्याख्यान दिया और शोधार्थियों ने अपने रिसर्च पेपर प्रस्तुत किए। एचबीटीयू स्टूडेंट्स ने देश भर से आये एक्सपर्ट से विचार साझा किये। उनको नई तकनीकी के बारे में जानकारियां भी हुई। शाम को सभागार में कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया गया। शनिवार को सम्मेलन के दूसरे दिन भी कई नामी कंपनियों के विशेषज्ञ अपने व्याख्यान देंगे।