कानपुर (ब्यूरो)। डेंगू का डंक का हर साल एक दर्जन डिपार्टमेंट को जंग में हरा देता है। नगर निगम, हेल्थ डिपार्टमेंट समेत 12 डिपार्टमेंट की हर साल डेंगू को हराने के लिए बरसात के मौसम से पहले से अवेयर कैंपेन समेत कई प्रकार की तैयारी शुरु कर देते हैं। इसके बावजूद सिटी में डेंगू के केसस नाम मात्र ही कम हुए हैं। इसका मुख्य कारण डिपार्टमेंट द्वारा कागजों में की गई कार्रवाई है। यहीं कारण है कि हर साल बड़ी संख्या में कानपुराइट्स डेंगू के डंक का दर्द झेलते हैं।

यह डिपार्टमेंट डेंगू से करते जंग

नगर निगम, हेल्थ डिपार्टमेंट, पंचायती ग्राम विकास विभाग, एजूकेशन, पशु चिकित्सा अधिकारी, बाल विकास सेवा और पृष्ठाहार विभाग, कृषि एव सिंचाई विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग, उद्यान विभाग, सूचना विभाग, खाद्य सुरक्षा औषधि प्रशासन, दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग

किस विभाग की क्या जिम्मेदारी

नगर निगम- फॉगिंग करना, स्वच्छता व्यवस्था दुरुस्त रखना, जलभराव की समस्या दूर करना, पॉजिटिव केस वाले स्थानों के 100 मीटर के दायरे में एक सप्ताह लगातार फॉगिंग करना
हेल्थ डिपार्टमेंट- पॉजिटिव केस का शासन के पोर्टल में रजिस्टर्ड करना, पेशेंट के घर पहुंच कर सत्यापन करना, डेंगू का सोर्से पता करना, लार्वा को नष्ट करना, पॉजिटिव केस के आसपास 50 घरों में लार्वा की जांच करना, पेशेंट को सीएचसी, उर्सला व हैलट के डेंगू वार्ड में भर्ती कराना,

पंचायती राज विभाग- साफ सफाई का ध्यान रखना, कूडे का समय पर उठाना करना, जलभराव की समस्या दूर करना, शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना, पब्लिक को अवेयर करना, नालों की साफ-सफाई बरसात के पहले करना, झाडिय़ों नष्ट करना,
एजूकेशन डिपार्टमेंट- बच्चों को अवेयर करने के लिए एक नोडल टीचर तैनात करना, अवेयरनेस के लिए आधा घंटे की क्लास लेकर बच्चों को डेंगू के बचाव की जानकारी देना, बच्चों के माध्यम से पैरेंट्स को भी अवेयर करना
पशु चिकित्सा विभाग- डेंगू व संक्रमित बीमारियों को रोकने के लिए किसानों को अवेयर करना, पशु पालन केंद्र, सुअर बाड़ा, ड्रम, चट्टे में कीटनाशक दवाओं का छिडक़ाव कराना, पशुओं से होने वाली बीमारियों के प्रति अवेयर करना
बाल विकास सेवा- आंगनवाड़ी वर्कर्स घर-घर जाकर अवेयर करना, पेशेंट की लिस्ट कलेक्ट करना, जलभराव देखना, कुष्ठ रोग, कालाजार समेत बरसात में होने वाली बीमारियों के प्रति अवेयर करना
कृषि एवं सिचाई विभाग- नहर किनारे साफ सफाई की व्यवस्था करना, चूहे व छछूंदर से होने वाली बीमारी स्क्रब टाइफस

&रहस्यमी बुखार&य के प्रति अवेयर करना
- चिकित्सा शिक्षा विभाग- मेडिकल कॉलेज के संबद्ध हॉस्पिटल में अवेयर प्रोग्राम चलाकर लोगों को जागरुक करना, संबद्ध हॉस्पिटल में डेंगू के वार्ड रिजर्व करना व पेशेंट को ट्रीटमेंट देना
उद्यान विभाग- सार्वजनिक स्थलों पर मच्छरों को भगाने वाले पौधे, जैसे नीम, तुलसी, लेमन ग्रास, लैबेंडर को लगाना
सूचना विभाग- सोशल मीडिया, न्यूज पेपर व इलेक्ट्रानिक मीडिया के माध्य से पब्लिक को अवेयर करना
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन- मिलावटी खाद्य सामग्री पर अंकुश लगाना, नियमों को फॉलो कराना, जलभराव न होने देने के लिए दुकानदारों का अवेयर करना
दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग- विकलांग उपकरण का वितरण करना

मलेरिया व डेंगू का पांच सालों के आंकड़े
सन् मलेरिया डेंगू
2019 426 1618
2020 17 292
2021 15 687
2022 08 896
2023 43 1482
जून 2024 01 08

पब्लिक वर्जन
फागिंग कब और कहा होती है। आज तक कभी नहीं दिखाई दी। इलाके में कोई केस निकलने पर खानापूर्ति के लिए टीम आती है और धुंआ उड़ा कर चली जाती है।
फागिंग सिर्फ दिखावे के लिए की जाती है। इसका असर दिखाई ही नहीं देता है। मच्छरों की स्थिति जस की तस रहती है। मच्छरों पर फागिंग की दवा का कोई असर नहीं पड़ता है।
नगर निगम व हेल्थ डिपार्टमेंट को कागजों की बजाए धरातल में उतर कर काम करने की जरूरत है। इसके अलावा हम लोगों को भी अवेयर होने की जरूरत है। सफाई व्यवस्था खराब है। बरसात का पानी जगह-जगह भरा रहता है। कई स्थानों पर बरसात का साफ पानी कई दिनों तक भरा रहता है। जिसमें भी डेंगू के मच्छर पैदा होते हैं।