कानपुर (ब्यूरो) वहीं बच्चों को खाना न मिलने से डॉ। मधुरिमा सिंह ज्यादा परेशान हैैं। डॉ मधुरिमा ने बताया कि उनकी बात 25 फरवरी को दिन में साढ़े बारह बजे हुई थी। जिसमें बच्चों ने बताया कि उनके पास खाना पानी खत्म हो गया है। 24 फरवरी के मेस में खाना खाने जा रहे थे इसी बची बमबारी होने लगी। सभी स्टूडेंट्स को वहीं रोक दिया गया। बीते 24 घंटे से उनके बच्चे को खाना नहीं मिला है। वहीं एडवोकेट विनोद ने बताया कि इंडियन गवर्नमेंट ने किसी तरह की कोई जानकारी नहीं दी। इन दिनों फ्लाइट्स का किराया भी बढ़ा दिया गया है। जिससे उनके बच्चों को आने में परेशानी हो रही है। सरकार से मांग है कि बच्चों को सकुशल घर पहुंचाया जाए।
सरकार को कई बार ट्वीट करने पर भी नहीं मिली हेल्प
इटावा बाजार निवासी सुनील सिंघल के परिवार में पत्नी समीक्षा, एक बेटा श्रेय सिंघल और एक बेटी है। बेटा जैपरोजिया में एमबीबीएस का स्टूडेंट है। चार साल से वहीं रहकर पढ़ाई कर रहा है। हालांकि कीव और खारकीव से काफी दूर होने की वजह से वहां ज्यादा खतरा नहीं है लेकिन सिक्यूरिटी को देखते हुए श्रेय और उसके साथ 1500 लोगों को सेफ प्लेस पर रखा गया है। वहां इमरजेंसी लगा दी गई है। मॉर्शल लॉ भी लगाया गया है। परिजनों ने बताया हालांकि वहां कोई खतरा नहीं है लेकिन उनके बच्चों को सुरक्षित भारत लाया जाए। समीक्षा ने बताया कि उन्होंने सरकार को बहुत सारे ट्वीट भी किए लेकिन कोई रेस्पांस नहीं मिला। उनका कहना हैै कि भारत सरकार को ये पहले से पता था कि युद्ध के हालात बन सकते हैै।