कानपुर (ब्यूरो) हाईवे बनाते समय रोड इंजीनियरिंग विभाग ने सी कर्व का ध्यान भी नहीं रखा। इस सी कर्व के एक कोने पर अगर वाहन होता है तो दूसरी तरफ से आने वाला वाहन नहीं दिखाई देता। गलत दिशा से आने वाला वाहन अक्सर हादसे का शिकार हो जाता है। वहीं हादसों की मुख्य वजह सड़क किनारे खड़े वाहन थे। रियलिटी चेक के दौरान हाईवे पर वाहन बदस्तूर खड़े दिखाई दिए। नियमानुसार खराब वाहन ही सड़क के किनारे खड़े होने चाहिए। लेकिन रियलिटी चेक के दौरान वाहन सड़क किनारे खड़े करने के बाद ड्राइवर और क्लीनर नींद पूरी करते दिखाई दिए।

ब्लैक स्पॉट्स पर भी नहीं हुआ काम
हादसों के बाद ब्लैक स्पॉट्स को लेकर तमाम मीटिंग की गईं। हादसों को रोकने पर भी चर्चा की गई, लेकिन हादसे न रुक सके। इसकी वजह साफ थी कि सी कर्व से कानपुर रूट पर रामादेवी तक बने तीन मर्जिंग ट्रैफिक प्वाइंट्स पर कोई काम नहीं किया गया। ये मर्जिंग प्वाइंट्स पनकी, नौबस्ता और रामादेवी पर हैैं.अब अगर चकेरी मोड़ के मर्जिंग प्वाइंट और महाराजपुर ब्रह्मïदेव मंदिर पर बने ब्लैक स्पॉट्स की बात करें तो लगातार यहां भी हादसे हो रहे हैैं। रूमा में कानपुर से महाराजपुर जाने वाले रास्ते पर मुख्य सड़क पर खोदाई कर दी गई है। जिससे आने जाने वाले वाहनों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सिक्स लेन का काम चल रहा है। टोल रोड खत्म होने के बाद तमाम डाइवर्जन बना दिए गए लेकिन कहीं भी डाईवर्जन का साइन नहीं बनाया गया है।

कोहरे में वाहनों को चलाने का इंतजाम
बीती 15 दिसंबर के बाद से कोहरा शुरू हो गया। हाईवे पर लगातार कोहरा बढ़ता जा रहा है। जिसे देखते हुए सड़क पर मिडिल व्हाइट स्ट्रिप डालना शुरू कर दिया गया है। रियलिटी चेक के दौरान नौबस्ता से भौंती तक व्हाइट स्ट्रिप डालने का काम होता दिखा। वहीं नेशनल हाईवे पर कई जगह आईलैैंड लगाकर रास्ता बंद दिखाई दिया। इन बंद रास्तों की वजह से रास्ता संकरा हो गया और वाहनों की लंबी लाइन दिखाई दी। वहीं रैैंप के पास भी कहीं इंडिकेशन नहीं दिखाई दिया। जिसकी वजह से रैैंप पर भी पहले से इंडिकेशन लगाने का वायदा भी साल भर में पूरा नहीं हो सका।