कानपुर (ब्यूरो) साढ़ में बीते दिनों ट्रैक्टर ट्राली पलट जाने से 26 लोगों की मौत हो गई थी। एक्सीडेंट का कारण ड्राइवर का नशे में होना तो था ही लेकिन एक कारण सड़क पर छाया अंधेरा भी था। सड़क पर स्ट्रीट लाइटें न लगी होने की वजह से सड़क के किनारे बरसात में हो चुके गड्ढे ड्राइवर को नहीं दिखे और बड़ी दुर्घटना हो गई। शासन को रोड एक्सीडेंट की संख्या में कमी लाने के लिए सड़कों पर रात में रोशनी की भी व्यवस्था करने पर विचार करना चाहिए।
करोड़ खर्च फिर भी सड़कों पर अंधेरा
जीटी रोड में रावतपुर से सीओडी पुल तक लगभग सात किमी की सड़क को रात में रोशन करने के लिए करोड़ों रुपए लगाकर एलईडी लाइटों के साथ स्ट्रीट लाइट पोल में रंगीन झालर भी लगाई थी। वर्तमान में न तो पोल में लगी झालर जलती है और न ही स्ट्रीट लाइटें, सात किमी की इस रेंज में एक दो स्थानों पर ही स्ट्रीट लाइटें रात में जलती दिखाई देती हैं। यह हाल सिर्फ जीटी रोड का ही नहीं नेशनल हाईवे का भी है।
अन्ना जानवर भी बढ़ा रहे एक्सीडेंट
सिटी की सड़कों में आए दिन होने वाले एक्सीडेंट का ग्राफ अन्ना जानवर भी बढ़ा रहे हैं। रात में सड़कों पर स्ट्रीट लाइट न चलने की वजह से सड़कों पर आवारा घूमने वाले जानवर नहीं दिखाई देते हैं। जिससे आए दिन व्हीकल सवार टकरा कर घायल हो रहे हैं। जानवरों की वजह से बीते दिन हुए कई एक्सीडेंट में कुछ लोग तो जान भी गवां चुके हैं।
आंकड़े
- गोल चौराहा से सीओडी पुल तक
- विजय नगर चौराहा से फायर स्टेशन तक
- दादानगर नए पुल पर भी अंधेरा
- झकरकटी पुराने पुल पर भी अंधेरा
- टाटमिल चौराहा से नया पुल तक
- साइड नंबर वन से किदवई नगर
- टाटमिल से घंटाघर तक
- गोविंद नगर पुराना पुल अंधेरे में
- चावला मार्केट से गोपाल टाकीज तिराहा
- जूही डिपो से लेकर बारादेवी तक
- रेलबाजार से लेकर पीएसी मोड़ तक
- जेके मंदिर नहर रोड व फजलगंज रोड
2022-23 में स्ट्रीट लाइट का बजट
1.20 करोड़ रुपए का बजट
110 वार्डों में लगने हैं स्ट्रीट लाइट
15-15 स्ट्रीट लाइट लगाने का प्रस्ताव
1650 स्ट्रीट लाइट नई लगाई जानी हैं
146 स्ट्रीट लाइट की शिकायतें पेंडिंग