कानपुर (ब्यूरो) परीक्षा नियंत्रक डॉ। अंजनी कुमार मिश्रा ने शुक्रवार को मीडिया से कांफ्रेंस कर इस संदर्भ में बातें साझा की हैं। उन्होंने बताया कि एनईपी के तहत स्टूडेंट्स की समस्याओं को देखते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन ने 15 सितंबर से 21 दिन तक ऑनलाइन शिकायत करने का मौका दिया है। इसका कोई शुल्क नहीं होगा। स्टूडेंट्स की शिकायतों को शार्ट आउट कर उनका निस्तारण किया जाएगा।

इस तरह काउंट होंगे माक्र्स
स्टूडेंट्स के माक्र्स इस तरह काउंट होंगे। एक्सटर्नल माक्र्स 75 मार्क के हैं इनमें न्यूनतम 33 परसेंट माक्र्स मतलब 25 अंक लाने पर ही पास होंगे। वोकेशनल कोर्स में 100 में 40 परसेंट मार्क होने पर उत्तीर्ण होंगे। को-करीकुलर में 75 माक्र्स में 40 परसेंट मतलब 30 अंक लाने होंगे। इसका रिजल्ट (क्यू) क्वालीफाइड और नॉन क्वालीफाइड (एनक्यू) होता है।

थ्योरी को ग्रेड प्वाइंट
इस बार थ्योरी को ग्रेडिंग प्वाइंट्स में दिया गया है। 32 अंक से कम माक्र्स लाने वाले स्टूडेंट्स को जीरो मिला है जबकि वो जीरो नहीं है। ऐसे ही 90 से 100 माक्र्स लाने वाले स्टूडेंट्स के रिजल्ट में जीरो शो हो रहा है। यह आउट स्टैंडिंग का लेटर है। इसे भी स्टूडेंट्स जीरो मान रहे हैं।

ये है ग्रेडिंग का पैटर्न
माक्र्स-- शो- मतलब
0-32 - (0) -(एफ) फेल
33- 40 - (4) -(पी) पास
41-50 - (5) -(ए) एवरेज
51-60 -(6) (बी)ब्रावो
61- 70 - (7) -(बी प्लस) गुड
71-80 - (8) - (ए) वेरी गुड
81-90 - (9) - (ए प्लस) एक्सीलेंट
90- 100 (10) (ओ) आउट स्टैंडिंग

इस तरह तैयार होता रिजल्ट
फस्र्ट सेमेस्टर और सेकेंड सेमेस्टर को मिलाकर रिजल्ट जारी होता है। प्रमोटेड, पास, फेल का क्राइटेरिया इस तरह तैयार किया गया। स्टूडेंट्स को तीन मेजर विषय फस्र्ट सेमेस्टर में लेने होते हैं और तीन मेजर विषय सेकेंड सेमेस्टर में लेना होता है। मेजर विषय में 50 परसेंट क्रेडिट लेना होता है। दो वोकेशनल कोर्स और को-कैरीकुलर और एक माइनर विषय है। इन सबका क्रेडिट प्वाइंट के 50 परसेंट लाने पर उत्तीर्ण ही होंगे।

फेल होने का प्रोविजन नहीं
अगर फस्र्ट सेमेस्टर में किसी का रिजल्ट फेल दिखा रहा है तो उसे विषम से सम में प्रमोट किया जाता है। सेकेंड सेमेस्टर में पेपर देता है, तब दोनों का रिजल्ट मिलाकर 50 परसेंट लेना होता है। ओवर आल में 50 परसेंट माक्र्स लाने पर पास कर दिया जाता है। अगर इससे कम माक्र्स हैं तो उसे एक्स स्टूडेंट्स की तरह शामिल होने का मौका दिया जाएगा। आगे की पढ़ाई चालू रख सकते हैं।

रिजल्ट नॉट फाउंड, इन कम्पलीट
इसके साथ ही स्टूडेंट्स का रिजल्ट इन कम्पलीट, नॉट फाउंड, रिजल्ट डिटेन्ड जैसी शिकायतें भी हैं। जिनका कारण ओएमआर में गलत डिटेल डालना और विषय परिवर्तन होने से हुआ है।