-यूजीसी के आदेश पर सितम्बर में एग्जाम कराने की तैयारी, पेपर प्रिंट होने के कारण एग्जाम पैटर्न में बदलाव संभव नहीं
-पैटर्न में बदलाव करने से नए सिरे से सभी क्वेश्चन पेपर तैयार करने के साथ उनकी प्रिंटिंग भी दोबारा करानी होगी
KANPUR (12 July): सीएसजेएम यूनिवर्सिटी ने लास्ट इयर के बचे हुए एग्जाम सितंबर में कराने की तैयारी शुरू कर दी गई है। यूनिवर्सिटी प्रशासन इसके लिए कई मीटिंग भी कर चुका है। वहीं यूनिवर्सिटी के जानकारों का कहना है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन अपने लास्ट इयर के एग्जाम के पैटर्न में कोई बदलाव नहीं करेगा। सभी एग्जाम पहले से तय फॉर्मेट पर ही कराए जाएंगे। बता दें कि यूजीसी की ओर से जारी नई गाइडलाइन के अनुसार फाइनल इयर के एग्जाम सितंबर में कुछ बदलाव के साथ कराने की बात कही गई है। जिसके बाद से कयास लगाए जा रहे है यूनिवर्सिटी प्रशासन एग्जाम पैटर्न में कुछ बदलाव कर एग्जाम करा सकती है। यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है एग्जाम पैटर्न चेंज करना आसान नहीं हैं।
.तो होगा बड़ा नुकसान
यूनिवर्सिटी के सूत्रों के ओर से शासन को एग्जाम कराने का प्रस्ताव भेजा जा रहा है। इससे पहले मीटिंग में एग्जाम पैटर्न में बदलाव कराने पर चर्चा की गई थी, पर प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा कि मौजूदा स्थिति को देखने हुए ऐसा कर पाना संभव नहीं है। सीएसजेएमयू प्रदेश की यूनिवर्सिटीज में से एक है। ऐसे में यहां पर एग्जाम कैंसिल होने से सबसे ज्यादा नुकसान होगा। इसका मुख्य कारण क्वेश्चन पेपर का प्रिंट होना है। यूनिवर्सिटी पहले से लास्ट इयर के सभी पेपर प्रिंट करा चुकी है। पैटर्न में बदलाव करने से नए सिरे से क्वेश्चन पेपर तैयार करने के साथ उनकी प्रिंटिंग भी करानी होगी।
3 तरह के सिलेबस
यूनिवर्सिटी के अधिकारियों का कहना है कि मौजूदा समय में सीएसजेएमयू में तीन तरह के सिलेबस का एग्जाम कराया जा रहा है। इसमें कई कोर्सेस में पुराने सिलेबस का यह लास्ट पेपर था। अगर एग्जाम पैटर्न में बदलाव किया जाता है, तब एक ही सब्जेक्ट के तीन-तीन सिलेबस के आधार पर क्वेश्चन पेपर बनवाना होगा। हालांकि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने सभी सिलेबस के क्वेश्चन पेपर प्रिंट करवा लिए हैं। अब पेपर कैंसिल होने से सबसे ज्यादा नुकसान लास्ट सिलेबस का होगा। क्योंकि अब इन पेपर का न तो आगे यूज हो सकेगा और नहीं अब इस सिलेबस के स्टूडेंट्स दोबारा एग्जाम देने की संभावना है। ऐसे में यह एक बड़ा नुकसान यूनिवर्सिटी को हुआ है।
'' पेपर के पैटर्न बदलाव की बात यूजीसी के गाइडलाइन में दिया हुआ है, पर हमारी यूनिवर्सिटी में बदलाव करवा पाना संभव नहीं है। एग्जाम पुराने तय पैटर्न पर ही होगा.''
-डॉ। अनिल यादव, रजिस्ट्रार, सीएसजेएम यूनिवर्सिटी।