कानपुर (ब्यूरो)। नेशनल एसेसमेंट एंड एक्रिडिएशन काउंसिल (नैक) से ग्रेड पाने में पिछड़े कॉलेजों ग्रेड दिलाने के लिए सीएसजेएमयू मेंटर का काम करेगा। यूनिवर्सिटी के स्वयं ए प्लस प्लस ग्रेड पाने के बाद अब एक साल में 50 कॉलेजों की नैक से ग्रेडिंग कराने का टारगेट है। इस काम के लिए 8 और 9 फरवरी को सीएसजेएमयू से एफिलिएटेड एडेड और सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों को वर्कशाप देकर नैक की तैयारी करने का प्रोसेस, फार्म भरने का तरीका, रिपोर्ट तैयार करना और इंस्पेक्शन के समय जरुरी चीजों को बताया जाएगा। इस वर्कशाप में कॉलेजों के सीनियर टीचर और प्रिंसिपल आदि को बुलाया गया है। दो दिन की वर्कशाप में नैक ग्रेड पाने की क्लास चलेगी।
केवल 10 कॉलेजों के पास है नैक ग्रेड
सीएसजेएमयू से एफिलिएटेड कॉलेजों में नैक ग्रेड पाने को लेकर अवेयरनेस न के बराबर है। इस बात अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड 617 डिग्री कॉलेजों में केवल 10 कॉलेजों के पास ही नैक ग्रेड है। नैक ग्रेड पाने वाले कॉलेजों में कानपुर विद्या मंदिर महिला डिग्री कॉलेज, क्राइस्ट चर्च और वीएसएसडी कॉलेज हैैं। इसके अलावा कुछ सेल्फ फाइनेंस कालेजों के पास ग्रेड है। पीपीएन कॉलेज पहली बार नैक ग्रेड के लिए आवेदन करेगा।
यूनिवर्सिटी से कॉलेजों को मिलेगा मेंटर
नैक ग्रेड पाने के लिए जो कॉलेज आवेदन करेंगे, उनको सीएसजेएमयू की ओर से एक मेंटर दिया जाएगा। यह मेंटर नैक में आवेदन से लेकर ग्रेड पाने तक कॉलेज की हर कदम पर हेल्प करेगा। इस काम के लिए सीएसजेएमयू के आईक्यूएसी सेल और नैक टीम को लगाया जाएगा। हर कॉलेज को एक मेंटर दिया जाना है। इसके अलावा नैक आवेदन के लिए लगने वाली फीस कोल देने में यदि कोई कॉलेज सक्षम नहीं है तो उसकी भी सीएसजेएमयू हेल्प करेगा। इसके लिए शासन में प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। बताते चलें कि नैक में आवेदन करने के लिए तीन लाख रुपए के लगभग फीस लगती है।
नैक ग्रेड मिलने से यह होगा फायदा
नैक की ओर से ग्रेड दिए जाने से कॉलेज यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (यूजीसी) की ओर से बजट दिया जाता है। इसके अलावा सेंट्रल और स्टेट के कई प्रोजेक्ट में आवेदन करने और फंड पाने के लिए कॉलेज सक्षम हो जाते हैैं। इसका सीधा लाभ स्टूडेंट्स को मिलेगा। फंड से कॉलेज में इंफ्रास्ट्रक्चर आदि डेवलप हो सकते हैैं। इसके साथ साथ कई प्रोजेक्ट भी मिल सकते हैैं।