कानपुर (ब्यूरो)। सीएसजेएमयू में न्यू सेशन 2023-24 से स्टूडेंट्स को इंडियन नॉलेज सिस्टम (आईकेएस) की पढ़ाई कराई जाएगी। शुरुआती तौर पर इसे कैंपस में चलने वाले कोर्सेस में लागू किया जाएगा। स्टूडेंट्स को बताया जाएगा कि वह क्या क्या चीजें है जो कि आज के लिए जरूरी और पुरातन काल से हमारे पास मौजूद है। बीते महीनों में वीसी प्रो। विनय कुमार पाठक ने यूनिवर्सिटी के अफसरों संग मीटिंग करके इसको लागू करने की योजना को बनाया था। पहले चरण में आईकेएस को यू्निवर्सिटी कैंपस में चल रहे सभी कोर्सों पर लागू किए जाने पर सहमति बनी है।

हर कोर्स में आईकेएस की यूनिट
न्यू सेशन से यूनिवर्सिटी कैंपस में एडमिशन लेने वाले हर स्टूडेंट को आईकेएस से रिलेटेड सब्जेक्ट्स को कोर्स में पढ़ाया जाएंगा। इसके लिए कैंपस मे चलने वाले हर कोर्स में आईकेएस की एक यूनिट को जोड़ा जाएगा। किस कोर्स में कौन सी यूनिट जुडऩी है, इसका चयन एचओडी करेंगे। आईकेएस कोर्स को चलाने के लिए कैंपस में स्थित दीनदयाल शोध केंद्र में आईकेएस सेंटर को बनवाया गया है। इस सेंटर की ओवरआल जिम्मेदारी प्रोवीसी प्रो। सुधीर कुमार अवस्थी की है। इसके अलावा अलग अलग डिपार्टमेंट्स के टीचर्स को भी आईकेएस सेंटर से जोड़ा गया है।

दो कोर्स हुए शुरु, रिसर्च भी होगी
आईकेएस के अंतर्गत कैंपस में दो कोर्स भी स्टार्ट किए गए है। उन कोर्सों में कर्मकांड और ज्योतिर्विज्ञान के कोर्स है। इन कोर्सों के संचालन में सफलता मिलने के बाद यूनिवर्सिटी कई अन्य कोर्स भी संचालित कर सकती है। शुरुआती चरण में यूनिवर्सिटी को सक्सेस हाथ लगी है। दोनों कोर्सों में सीटें भरने के करीब है। एक कोर्स में तो यूनिवर्सिटी सीटों को बढ़ाने पर विचार कर रही है।

इन सब्जेक्ट्स की बनेंगी यूनिट्स
आईकेएस सेंटर में उन सब्जेक्ट्स को शामिल किया जा रहा है, जिसमें हमारे देश ने पुरातन काल में कुछ छाप छोड़ी है या फिर जिन सब्जेक्ट्स की उत्पत्ति अपने देश से हुई है। पहले चरण में वैदिक गणित, इंडियन म्यूजिक, सोशल साइंस और साइंस से जुडे कोर्सों को रखा जाएगा। यूनिवर्सिटी का प्रयास है कि आने वाले दिनों में इन सब्जेक्ट्स के लिए अलग से वोकेशनल कोर्स बनें, जिसको करने वाले स्टूडेंट को आईकेएस का एक सर्टिफिकेट दिया जा सके। ऐसा होने से स्टूडेंट्स की आईकेएस को लेकर रुचि बढ़ेगी।

क्या है आईकेएस
आईकेएस, सेंट्रल गवर्नमेंट की मिनिस्ट्री आफ एजूकेशन के एआईसीटीई का एक डिवीजन है। इसमें संस्कृत, इंडियन कल्चर, सोशल साइंस, इनवायरमेंट, साइंस और इकोनॉमिक्स समेत कई सब्जेक्ट्स को शामिल करके कोर्स चलाए जा रहे है। इन कोर्सों में कंटेंट और स्टडी मैटेरियल को इंडियन नॉलेज से लिया गया है।

दीनदयाल शोध केंद्र में आईकेएस का सेंटर बन गया है। न्यू सेशन से हर कोर्स के साथ इसकी एक यूनिट को जोड़ा जाएगा। इसको लागू करने का उद्देश्य स्टूडेंट्स को अपनी ओल्ड नॉलेज से परिचित कराना है।
डॉ। विशाल शर्मा, मीडिया प्रभारी, सीएसजेएमयू