कानपुर (ब्यूरो) अजय मिश्रा की कंपनी वर्ष 2019 से यूनिवर्सिटी में परीक्षा संबंधी कार्य देख रही है। इस बार उत्तरपुस्तिकाओं का डिजिटल मूल्यांकन कार्य भी अजय व उसके सहयोगियों ने ही कराया था। इसके लिए कानपुर नगर में छह और मंडल के अन्य जिलों को मिलाकर कुल 14 मूल्यांकन केंद्र बनाए गए थे।
गठजोड़ की पड़ताल
इन सभी में कंप्यूटर सिस्टम लगवाने से लेकर साफ्टवेयर व अन्य सभी कार्यों के लिए अजय के सहयोगी ही जुटे रहे। मूल्यांकन के बाद रिजल्ट में तमाम गड़बडिय़ां भी सामने आईं और स्टेप मार्किंग न होने व हजारों छात्रों को फेल करने का आरोप भी लगा। हंगामा प्रदर्शन के बाद कई अभ्यर्थियों के रिजल्ट में सुधार भी हुआ। पिछले दिनों लखनऊ में प्रो। पाठक व अजय मिश्रा के खिलाफ मुकदमा होने के बाद एसटीएफ ने दोनों के गठजोड़ की पड़ताल शुरू की है।
मंगवाए गए हैं दस्तावेज
एसटीएफ के एक अधिकारी ने बताया कि टीम के दो कर्मचारियों को भेजकर कुछ दस्तावेज पहले ही मंगवा लिए गए थे। उनकी पड़ताल की जा रही है। जल्द ही टीम सीएसजेएमयू में अजय मिश्रा के कार्यों व अब तक हुए भुगतान की जांच करेगी। यही नहीं, मुकदमा लिखाने वाली कंपनी डेविड के आरोपों के आधार पर कुछ अन्य लोगों से पूछताछ भी की जाएगी।