कानपुर(ब्यूरो)। चंद्रशेखर आजाद यूनिवर्सिटी आफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी (सीएसए) में अब एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी और इक्विपमेंट तैयार करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का यूज किया जाएगा। इस काम के लिए शासन ने सीएसए के इंक्यूबेशन सेंटर को पांच करोड़ बजट की स्वीकृति हो गई है। इस पांच करोड़ से डिसीज की पहचान, डिसीज की फोरकास्टिंग, स्वाइल टेस्टिंग के लिए टेक्नोलॉजी और सीड को पावरफुल बनाने का काम किया जाएगा। इसके अलावा टेक्नोलॉजी के साथ एग्रीकल्चर का इंटीग्रेशन भी किया जाएगा। यह सारा काम सीएसए में बने एग्री इनोवेशन एंड इंक्यूबेशन सेंटर में होगा।
कुछ ऐसे डेवलप होगी टेक्नोलॉजी
डिसीज की पहचान और फोरकास्टिंग के लिए एआई का यूज किया जाएगा। इसमें तैयार किए गए इक्विपमेंट में डिसीज और डिसीज के पहले क्राप के स्टेटस वाले फीचर और प्रापर्टीज को फीड किया जाएगा। ऐसे में जैसे ही आप इक्विपमेंट को क्राप के पास ले जाएंगे वह डिसीज या डिसीज आने की बात को बता देगी। इतना ही नहीं प्राब्लम बताने के साथ साथ उसका साल्यूशन भी बताया जाएगा। इस टेक्नोलॉजी के डेवलप होने से फार्मर की क्राप सडऩे से बचेगी, जिससे प्रोडक्शन बेहतर होगा और प्राफिट ज्यादा होगा।
स्वाइल टेस्टिंग के लिए बनेगी डिवाइस
किसी भी क्राप के डेवलपमेंट में स्वाइल का इंपार्टेंट रोल होता है। ऐसे में ऐसी डिवाइस डेवलप की जाएगी जो कि कम समय में स्वाइल की टेस्टिंग करके रिपोर्ट देगी। इतना ही नहीं स्वाइल को परफेक्ट बनाने के लिए टिप्स भी दिए जाएंगे। इसके अलावा क्लाइमेंट चेंजमेंट के अनुसार सीड को पावरफुल बनाने का काम किया जाएगा।
स्टार्टअप करने वालों की होगी फंडिंग
सीएसए में स्टेट का पहला एग्री स्टार्टअप इंक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर है। फंड न होने के चलते यहां से स्टार्टअप करने वालों को फंडिंग की हेल्प नहीं की जा रही थी। शासन की ओर से पांच करोड़ रुपए मिलने के बाद अब यहां से स्टार्टअप शुरु करने वाले स्टूडेंट्स को फंडिंग भी की जाएगी। अभी तक फंड न मिलने की वजह से स्टार्टअप के इच्छुक स्टूडेंट्स को सीएसए कम अट्रैक्ट कर पा रहा था। अब इस फंड के मिलने के बाद उम्मीद जागी है।