कानपुर(ब्यूरो)। मित्र पुलिस का दावा करने वाली कमिश्नरेट पुलिस का खौफनाक चेहरा फिर सामने आया है। गुरुवार को दो ऐसे मामले आए सामने जिन्होंने कमिश्नरेट पुलिस की कार्यप्रणाली को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। दोनों मामलों में पुलिस ने पीडि़तों के साथ शातिर अपराधी जैसा व्यवहार किया। दोनों मामलों में जेसीपी आनंद प्रकाश तिवारी ने जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
1: चौकी प्रभारी ने जानवर की तरह पीटा
पुलिस कमिश्नर ऑफिस पहुंचे बारा सिरोही निवासी अभय प्रताप ङ्क्षसह का कहना है कि आईआईटी चौकी प्रभारी विपिन ओझा और दारोगा अनूप कुमार ने शक के आधार पर इतना पीटा कि पूरा शरीर नीला पड़ गया। अभय के मुताबिक 31 मई की रात वह किसी काम से बाहर गया था। रात आठ बजे बारा सिरोही नहरिया के पास प्यास लगने पर बोतल से पानी पीने लगा। वहीं पास में ही चौकी प्रभारी विपिन और दारोगा अनूप शराब पी रहे थे। संयोग से शर्ट की जेब में रखा उनके मोबाइल का कैमरा बाहर की ओर था। दोनों पुलिसकर्मियों को लगा कि वह उनका शराब पीते वीडियो बना रहा है। बस इसके बाद तो नशे में धुत पुलिसकर्मियों ने उन्हें बांधकर डंडों से बेरहमी से पीटा। हंगामा बढ़ा तो और पुलिसकर्मी वहां पहुंचे। उन्होंने मोबाइल लेकर चेक किया तो उसमें कोई रिकॉर्डिंग नहीं थी। इसके बाद मुंह बंद रखने की धमकी देकर छोड़ दिया गया। तब से वह थाने के चक्कर लगा रहा है, लेकिन उस पर समझौता करने का दबाव बनाया जा रहा है।
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2 : गुडवर्क के लिए किया बैड वर्क
दूसरा मामला शिवगोदावरी चौकी क्षेत्र के छबीलेपुरवा का है। चौक प्रभारी मुरलीधर पांडेय ने एक बेकसूर को शराब तस्कर बना दिया। अब वह अपनी बेगुनाही के सबूत लिए अफसरों की चौखट पर सिर रगड़ रहा है। छबीलेपुरवा निवासी पीडि़त शकील फेरी लगाकर टीशर्ट, बेल्ट और चप्पल बेचता है। 31 मई को उसे मालूम पड़ा कि जाजमऊ थाने में 26 मई को उसके खिलाफ शराब तस्करी का मुकदमा दर्ज हुआ है तो उसके होश उड़ गए। गुरुवार को शकील और उसका भाई अपनी समस्या लेकर पुलिस कमिश्नर ऑफिस पहुंचे। शकील के भाई आरिफ ने बताया कि 26 मई की दोपहर पुलिस शकील को पूछताछ करने की बात कहकर घर से ले गई। चौकी प्रभारी मुरलीघर पांडेय को फोन किया तो उन्होंने बताया कि चोरी के एक मामले में पूछताछ कर रहे हैं। इसके बाद शाम 7.26 बजे चौकी प्रभारी दोबारा आए और पांच हजार रुपये ले गए। आठ बजे भाई को छोड़ दिया गया। पुलिस के रिकार्ड में उन्हें थाने से जमानत दिए जाने की बात दर्ज है।
दोनों मामलों को संज्ञान में लिया गया है। कल्याणपुर मामले में पीडि़त की तहरीर पर मुकदमा दर्ज करके उसका मेडिकल कराए जाने का आदेश दिया है, जबकि जाजमऊ प्रकरण में थाना प्रभारी को जांच के लिए कहा है।
अशोक कुमार ङ्क्षसह, एडीसीपी मुख्यालय